कोरोना के खौफ में प्रसव से डरीं महिलाएं

शिमला में रोजाना जन्म ले रहे दस बच्चे, के एनएच में हो रही सबसे ज्यादा डिलीवरी

शिमला-कोरोना के खौफ के साए में शिमला में प्रतिदिन आठ से दस बच्चों का जन्म हो रहा है। ये आंकड़ा यदि प्रदेश के अस्पतालों का चैक किया जाता है तो पच्चीस से तीस नवजातों का जन्म पूरे हिमाचल में प्रति दिन हो रहा है। सुरक्षित प्रसव को लेकर अस्पतालों में पूरे स्वास्थ्य किट के साथ बच्चों का जन्म हो रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा राज्य स्तरीय कमला नेहरू अस्पताल में महिलाआें के प्रसव हो रहे हैं। इसे लेकर गर्भवती महिलाएं भी डरी हुई है कि एक तरफ मरीजों को अस्पताल नहीं आने के निर्देश दिए गए हैं वहीं डिलीवरी के लिए अस्पताल आना भी जरूरी है। के एनएच में इलाज करवाने आई मिनाक्षी का कहना है कि अगले सप्ताह उसकी डिलीवरी की डेट है। उसका ब्लड प्रेशर भी बढ़ा है वह अस्पताल में भर्ती है और ऐसे में उसे काफी डर है कि इस बीमारी के बीच उसका बच्चा जन्म ले रहा है। वहीं विशेषज्ञों ने साफ किया है कि इसमें डरने की आवश्यक्ता नहीं हैं। बेहतर तरीके से डिलीवरी की जा रही है। प्रदेश के जिला अस्पतालों में भी बच्चों के जन्म हो रहे हैं। उधर, प्रदेश में गर्भवती महिलाआें को यह भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि जब वह अस्पताल पहुंचें तो पूरे मास्क और ग्लब्ज का इस्तेमाल करें। इसे लेकर महिलाआें को तनाव में नहीं आने के लिए भी महिलाआें की काउंसिंलिंग के लिए कहा गया है। गुरु वार को भी कई महिलाएं डीडीयू से केएचएच आ रही थी। वहीं प्रदेश में आईजीएमसी की ओपीडी की बंद कर दी गई है। हालांकि प्रदेश सरकार ने इन तीनों अस्पतालों में कैजुअल्टी की सर्विसेस जारी रखी गई है लेकिन अस्पतालों की जनरल ओपीडी को बंद कर दिया गया है।