कोरोना ने देवकारजों पर लगाया विराम

भुंतर-कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे ने देवभूमि कुल्लू में होने वाले देवकारजों पर विराम लगाए हैं। अप्रैल माह में जिला भर के देवालयों में देवकार्यक्रम होते हैं, लेकिन कोरोना लॉकडाउन के कारण एक के बाद एक कार्यक्रम को रद्द करने की नौबत आ रही है। दियार घाटी के कोटकंढी में होने वाले बीरशू उत्सव को भी अब टालना पड़ा है वहीं अन्य स्थानों के कार्यक्रमों को पहले ही रद्द कर दिया गया है। सरकार के फैसले पर अमल करते हुए देव समाज के नुमाइंदों ने कहा कि जब तक कोरोना का संकट टलता नहीं है तब तक सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित होना उचित नहीं है। बता दें कि चैत्र माह में जिला भर के देवालयों में बीरशू उत्सव का आगाज होता है और यह बैशाख माह में भी जारी रहते हैं। बैशाख में घाटी के सभी देवी-देवता ऊंची चोटियों पर स्थित देवस्थानों पर निकलते हैं और देवशक्तियों को अर्जित करते हैं। बीरशू के अलावा बीठ उत्सव भी इस दौरान रूपी घाटी के देवालयों में होते हैं, लेकिन इस बार सभी कार्यक्रम रद््द हो चुके हैं। देवालयों में कपाट बंद हैं और केवल पुजारी ही पूजा के लिए मंदिर में जा रहे हैं। बाकी किसी को भी देवालयों में जाने की अनुमति नहीं है। कोटकंढी में स्थित देवता पांचवीर के कारदार जगदीश चंद नेगी ने बताया कि हर साल बैशाख संक्रांति को देवता के कपाट खुलते हैं और देवता के दरबार में देव भारथा भी होती है। इस दौरान यहां पर हजारों लोग जुटते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण कपाट नहीं खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बारे में सभी हारियानों को भी सूचित किया जा रहा है।