कोरोना ने निगली फूलों की खेती

कांगड़ा घाटी में सैकड़ों बागबान बर्बाद,लॉकडाउन में बाहर से न श्रद्धालु आ पाए, न ही नवरात्र में हो पाई बिक्री

गगल-कोरोना वायरस ने हर किसी पर गहरा असर छोड़ा है। कांगड़ा घाटी में  खेती और बागबानी की इकॉनामी पर कोरोना का गहरा साइड इफेक्ट हुआ है। कांगड़ा घाटी में करोड़ों रुपए के फूल बागों  में सड़ गए हैं। कोरोना के डर से हुए लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते इस बार बाहरी राज्यों से श्रद्धालु हिमाचल नहीं आ पाए। नवरात्र और अन्य दिनों में मंदिरों में लाखों रुपए के फूलों की खपत होती है,लेकिन इस बार कोरोना के डर से फूलों की खपत शून्य हो गई है। इससे बागों में ही फूल सड़ गए हैं। बागबान श्याम, राहुल, विजय और बलवीर सैणी ने बताया कि उन्होंने  बड़ी उम्मीद से फूल लगाए थे। फूलों का बीज काफी महंगा होता है। फसल भी ठीक थी,लेकिन ऐन मौके पर लॉकडाउन ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है। बागबानों ने बागबानी विभाग और प्रदेश सरकार से मांग उठाई है उन्हें शीघ्र नुकसान का मुआवजा प्रदान किया जाए।

विधायक नैहरिया ने किया मुआवजे का वादा

धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया ने कहा कि उन्हें कई जगह से बागबानों को हुए नुकसान की सूचना मिली है। विधायक ने वादा किया है कि वह बागबानों को मुआवजा प्रदान करवाएंगे। उन्होंने धर्मशाला में प्रशासन और संबंधित विभाग को नुकसान का आकलन करने को कहा है।