कोरोना ने रोकी मनाली की रफ्तार

मनाली-देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर जहां हर वर्ग परेशान है, वहीं विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मनाली की रफ्तार भी करोना वायरस ने रोक डाली है। यहां हर दिन पर्यटन गतिविधियों से होने वाले लाखों रुपए की कमाई जहां कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हुई है, वहीं पर्यटन करोबारियों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बात का खुलासा मनाली व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमर सिंह ने किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा प्रदेश में लगाए गए कर्फ्यू के चलते जहां मनाली में पर्यटन करोबार की रफ्तार थम गई है, वहीं जिन हालातों से आज मनाली के कारोबारी गुजर रहे हैं, शायद ही किसी ने इन हालातों की कभी कल्पना की हो। उन्होंने कहा कि हालात समान्य होने के बाद नुकसान की भरपाई के लिए कम से कम छह से सात माह का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि शहर में मौजूद राशन की दूकानों में किसी भी तरह की कोई अनाज की कोई कमी नहीं है। लिहाजा पर्यटन नगरी में जैसे-जैसे सैलानियों की अगामी समय में अवाजाही शुरू होगी पर्यटन कारोबार भी उसी तरह चलेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जैसी विश्व व्यापी महामारी से जहां आज पूरी दुनिया लड़ रही है, वहीं देश व प्रदेश में भी लगातार कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह मनाली के लोगों से यह अपील करना चाहते हैं कि सरकार के आदेशों का पालन करें और घरों पर ही रहें। जहां तक राशन की बात है व्यापार मंडल ने प्रशासन के साथ मिल लोगों के घरों तक राशन पहुंचानें की व्यवस्था भी की है। उन्होंने कहा कि देश में लगे लॉक डाउन व प्रदेश में चल रहे कर्फ्यू के बीच जहां सभी का करोबार प्रभावित हुआ है, वहीं व्यापारिक वर्ग भी कोरोना वायरस से निपटने को लेकर सरकार व जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों का पूरा समर्थन करता है। उल्लेखनिय है कि कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रख प्रदेश सरकार राज्य में जहां कर्फ्यू लगा रखा है, वहीं प्रदेश के पर्यटन करोबार पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। बात यहां मनाली के करें तो समान्य दिनों में जहां अप्रैल माह में मनाली में जहां समर सीजन का आगाज हो जाता था, वहीं वर्तमान समय में हालात कुछ ऐसे बने हुए हैं कि घाटी के पर्यटन करोबारियों का महज कुछ दिनों में ही करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया है।