कोरोना विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती
यूएन चीफ बोले; जान लेने के साथ आर्थिक मंदी की ओर धकेल रहा वायरस
संयुक्त राष्ट्र-संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कोरोना वायरस को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यह महामारी न केवल लोगों की जान ले रही है, बल्कि आर्थिक मंदी की ओर भी ले जा रही है। उन्होंने कहा कि हालिया इतिहास में ऐसा भयानक संकट नहीं पैदा हुआ था। गुतारेस ने ‘साझी जिम्मेदारी, वैश्विक एकजुटताः सामाजिक आर्थिक प्रतिक्रिया’ विषय पर एक रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के पिछले 75 सालों के इतिहास में ऐसा संकट पहले नहीं देखा गया। हम उसका सामना कर रहे हैं – ऐसा संकट जो लोगों की जान ले रहा है, इनसान को पीड़ा दे रहा है, लोगों की जिंदगी को दुरूह कर रहा है। मौजूदा महामारी स्वास्थ्य संकट से कहीं आगे की चीज है। उन्होंने कहा कि यह भीषण वैश्विक संकट है, क्योंकि यह एक संयोजन है, एक ओर एक बीमारी है जो पूरी दुनिया में हर किसी के लिए खतरा है और दूसरी ओर इसके आर्थिक प्रभाव हैं, जिससे मंदी आएगी और ऐसी मंदी आएगी कि हालिया इतिहास में उसकी कोई मिसाल नहीं देखी गई होगी।
इस संकट से उबर जाएंगे हम
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि इस मानवीय संकट से निपटने के लिए विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की ओर से समन्वित, निर्णायक, समग्र और नवोन्मेषी नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है। इसके लिए हमें गरीबों और अधिक संवेदनशील देशों के लोगों के लिए अधिकतम आर्थिक और तकनीकी समर्थन भी जुटाना होगा। उन्होंने इस दिशा में त्वरित समन्वित स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की जरूरत बताई, ताकि संक्रमण के प्रसार को काबू करने के साथ ही इस महामारी को खत्म किया जा सके।
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