कोरोना, संकट में होटल कारोबारी

By: Apr 5th, 2020 12:20 am

होटल व्यवसायियों ने टैक्स-बिल माफ करने को सरकार से लगाई गुहार

धर्मशाला-प्रदेश की आर्थिकी में अहम भूमिका निभाने वाले होटल व्यवसायी वर्तमान में बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पर्यटन सीजन के दौरान कोरोना वायरस महामारी के चलते होटल व्यवसाय को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस आर्थिक नुकसान से परेशान धर्मशाला के होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन ने सरकार से होटल उद्योग को इस संकट से बाहर निकालने की गुहार लगाई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी बांबा ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को होटल और रेस्तरां कारोबार से जुड़े लोगों को हो रहे नुकसान से उभारने के लिए आठ सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए पत्र भेजा है।  एसोसिएशन ने मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार को होटल व रेस्तरां में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना चाहिए। साथ ही व्यवसाय के फिर से शुरू होने के बाद छह महीने के लिए वेतन का 50 फीसदी भुगतान भी सरकार को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए जो ईएसआई योजना के तहत आते हैं, उन्हें छूट के दिनों के लिए ईएसआई कॉर्पस से भुगतान किया जाए। होटल बंद रहने की अवधि के लिए बिजली के बिलों को माफ कर दिया जाए। बाद में छह महीने की अवधि के लिए घरेलू दरों पर शुल्क लिया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि पॉल्यूशन एक्ट के तहत हाउस टैक्स, जल शुल्क व कचरा संग्रहण शुल्क को लॉकडाउन अवधि के लिए और छह महीने बाद छूट दी जाए। कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को कम करने के लिए होटलों को एकत्र किए गए जीएसटी को बनाए रखने की अनुमति दी जाए। बार लाइसेंस शुल्क को भी लॉकडाउन पीरियड के लिए माफ कर दिया जाए। एसोसएिशन का कहना है कि हिमाचल में होटल व्यवसायी छोटे समय के होटल व्यवसायी होते हैं, जो बैंकों से लोन लेकर होटल कारोबार चलाते हैं। इस समय वे भारी वित्तीय दबाव में हैं। ऐसे में उनके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। जिला कांगड़ा में वर्तमान में लगभग 700 पंजीकृत होटल हैं और लगभग 350 होम स्टे हैं। राज्य में कोरोना वायरस को रोकने के लिए बीते 18 मार्च से सभी होटलों और अन्य पर्यटन सुविधाओं को बंद कर दिया गया है।

 


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