कोरोना से निपटने को स्वस्थ रहना जरूरी

मनो चिकित्सकों की लोगों को सलाह, पौष्टिक आहार के साथ करें रोजाना व्यायाम

मनाली-कोरोना वायरस दुनिया भर में एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। यह वायरस लगातार विश्व भर में तेजी से जहां फैल रहा है, वहीं भारत सरकार ने इससे निपटने के लिए देश भर में लॉकडाउन का जो निर्णय लिया है उसका समर्थन न केवल देश की जनता कर रही है, वहीं देश वे युवा पीढ़ी भी इसके समर्थन में आगे आई है, जो वर्तमान समय में विभिन्न विषयों पर पीएचडी कर रहे हैं। कुल्लू जिला से संबंध रखने वाली इशिता ने जहां प्रदेश विश्व विद्यालय शिमला से साइकोलॉजी में गोल्ड मेडल हासिल किया है, इशिता कोल वर्तमान समय में क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बंगलुरु से मनोविज्ञान विषय में पीएचडी कर रही हैं, वहीं उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर देश भर में किए गए लॉकडाउन व प्रदेश में लगाए गए कर्फ्यू का समर्थन करते हुए जहां लोगों से घरों में रहने की अपील की है, वहीं इशिता ने लोगों को घरों में किस तरह इस दौरान समय विताएं इसे लेकर स्वास्थ्य संबंधित कुछ टिप्स भी दिए हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बात चीत करते हुए इशिता ने कहा है कि लोगों को कोरोना वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा है कि इस दौरान लोग घरों में रहकर अपने परिवार के सदस्यों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा कर समय विता सकते हैं। उन्होंने कहा कि  यह सही कहा गया है कि  स्वस्थ मन, स्वस्थ शरीर के बराबर है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए, ताकि वह इस दौरान न शारीरिक तौर पर मजबूत रहे और कोरोना वायरस से बच सके। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अगर शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहेगा तो  किसी भी प्रकार के संक्रमण से असानी से लड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी व्यक्ति वास्तव में बीमारी के बिना ही खुद को बीमार समझने लगता है और बना वजह ही लक्षणों को महसूस करना शुरू कर देता है। इसलिए अपने तनाव के स्तर को नियंत्रण में रखना बहुत महत्त्वपूर्ण है। लोगों को घरों में रह कर  ध्यान लगाना चाहिए, धूप में बैठना चाहिए, किसी भी रूप में 30 मिनट प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए, जिससे शरीर में अच्छे हार्मोन्स की बढ़ोतरी होती है और व्यक्ति को अतिरिक्त लाभ मिलता है।