एयर डेक्कन एक क्षेत्रीय एयरलाइंस है और मुख्यत: गुजरात जैसे पश्चिमी राज्यों में संचालित होती है. हालांकि कंपनी ने यह भी कहा है कि अगर कोरोना का असर खत्म होने के बाद हालात सुधरे और कामकाज उसने फिर शुरू किया तो पुराने कर्मचारियों को नौकरी पर वापस रख लेगी.
एयर डेक्कन के पास 18 सीटों वाले महज चार छोटे विमान हैं. कोरोना की वजह से वह दबाव नहीं झेल पाई और उसे अपना कामकाज बंद करना पड़ा.
सभी एयरलाइंस की हालत खराब
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत 24 मार्च की रात को यह घोषित किया है कि उस दिन आधी रात यानी 25 मार्च से देश में 21 दिनों के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन होगा और सभी तरह के यातायात भी बंद रहेंगे. इसके बाद सभी उड़ानें 14 अप्रैल तक के लिए बंद कर दी गईं. इसका एयरलाइंस पर काफी बुरा असर पड़ा है, क्योंकि देश में एविएशन कारोबार पहले से ही काफी मुश्किल में चल रहा था. बंद होने से उनकी जेब में एक पैसा नहीं आ रहा है, जबकि हर दिन किराए के रूप में उन्होंने लाखों—करोड़ों रुपये खर्च करने होते हैं.