क्वारंटाइन सेंटर जाने के डर से कोई भी नहीं ले रहा बाहर आने का रिस्क

गगरेट-कोरोना वायरस की दहशत में लोगों के धड़ाधड़ हो रहे पलायन को रोकने के लिए प्रदेश की सीमाओं पर कवारंटाइन सेंटर की स्थापना करना कारगर साबित हुआ है। प्रदेश की सीमा पर पकड़े जाने पर अगले चौदह दिन तक कवारंटाइन सेंटर में गुजारने के डर से अब लोग पलायन करने से कतराने लगे हैं। हिमाचल-पंजाब की सीमा आशादेवी को पार करने वालों की संख्या में एकदम गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को एक ही परिवार इस सीमा तक पहुंचा जिसे कवारंटाइन सेंटर भेज दिया गया है। उधर प्रशासन दद्वरा किए जा रहे पुख्ता प्रबंधों के चलते अब कवारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों की दिनचर्या सामान्य हो गई है। बुधवार को दुर्गा अष्टमी के अवसर पर आपको बेशक मां चिंतपूर्णी का प्रसाद ग्रहण करने का अवसर न मिला हो लेकिन राजकीय माडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल अंबोटा में बनाए गए कवारंटाइन सेंटर में निगरानी में रखे गए लोगों को आशीर्वाद स्वरूप मां चिंतपूर्णी का प्रसाद भी मिला। यहां रह रहे लोगों का हालचाल जानने आए उपायुक्त संदीप कुमार अपने साथ मां चिंतपूर्णी का प्रसाद भी लाए थे जिसे यहां रह रहे सभी लोगों में वितरित किया गया। दुर्गा अष्टमी पर मां का प्रसाद ग्र्रहण कर सभी लोग खुद को धन्य समझ रहे थे। वहीं, कवारंटाइन किए गए करीब 186 लोगों में से किसी एक में भी अभी तक कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं।