खुद लॉकडाउन हुए बार्डर के कबायली

By: Apr 6th, 2020 12:20 am

रिकांगपिओ-सीखो तो उन भारत-चीन सीमा के साथ बसे कबायली लोगों से जिन्होंने कोरोना महामारी के भयानक परिणामो को सरकार से पहले समझा। हालांकि देश में लॉकडाउन व कर्फ्यू बाद में लगा लेकिन इन लोगों ने सरकारी फरमान से कुछ रोज पहले ही अपने क्षेत्र को लॉकडाउन कर सीमाओं को सील कर पहरेदारी शुरू कर दी। ताकि कोरोना का संक्रमित व्यक्ति क्षेत्र में प्रवेश न कर सके। बताते चले कि भारत. चीन सीमा के साथ लगते क़ाज़ा उपमंडल यानी लाहुल स्पीति जिले के स्पीति क्षेत्र के लोगों ने पूरे देश में जारी लॉकडाउन से कुछ रोज पूर्व क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मौजूद लोगों ने सामूहिक बैठक कर निर्णय लिया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति के तब तक स्पीति क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए। इस दौरान यह भी कड़े निर्णय लिया गया कि होटलों में किसी भी बाहरी लोगों को ठहराने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के साथ साथ अपने क्षेत्र का कोई व्यक्ति बाहर से क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसे भी 15 दिन का क्वारंटाइन करने के कड़े निर्णय लिया गया। यहा तक कि किसी बाहरी व्यक्ति को अपने घर व होटलों में न ठहराने की कसमें भी दिलवाई गई। स्पीति क्षेत्र का प्रवेश द्वार समदो में स्पीति के ग्रामीणों का एक समूह रूटीन में पहरा भी दे रहा है  ताकि कोई बाहरी व्यक्ति स्पीति में प्रवेश न कर सके। इसी तरह किन्नौर जिला के हांगरंग वैली के नाको, लियो ,चांगो,शलखर,संधू आदि पंचायत क्षेत्रों के लोगों ने भी अपने-अपने गांव के प्रवेश द्वारों की सीमाबंदी कर रखी है । यदि इस क्षेत्र का भी कोई ग्रामीण अपने गांव में प्रवेश करना चाहता है तो उसे 15 दिनों के लिए एकांतवास में कोरोटायन करना अनिवार्य किया गया है ।


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