गरुली गांव का शहीद पंचतत्त्व में विलीन

जैसलमेर में लगन चंद ने पाई वीरगति, सड़क दुर्घटना में सिर पर चोट लगने से गई जान

गुशैणी-तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत शिल्ली के दुर्गम गांव गरुली के शहीद लगन चंद की पार्थिव देह गुरुवार को उनके पैतृक गांव पहुंची। गत मंगलवार को एक सड़क दुर्घटना में सैनिक ने अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करते हुए राजस्थान के जैसलमेर में शहादत पाई थी। तीर्थन घाटी का 27 वर्षीय युवा लगन चंद पुत्र झुडू राम गांव गरुली तहसील बंजार वर्ष, 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में सेना की तोपखाना-94 मध्यम रेजिमेंट के साथ वह तैनात थे। गत मंगलवार को बीकानेर में एक सड़क दुर्घटना में उन्हें सिर में चोट लगी और उपचार के दौरान जवान शहादत को प्राप्त हो गया। शहीद लगन चंद की पार्थिव देह को सैन्य अधिकारियों द्वारा राजस्थान से ही सड़क मार्ग द्वारा अपने वाहन में गरुली गांव से करीब पांच किलोमीटर पीछे श्याला तक पहुंचाया गया। गरुली गांव तक सड़क मार्ग पहुंचने की वजह से शहीद का अंतिम संस्कार गांव से करीब पांच किलोमीटर पीछे श्याला में ही करना पड़ा। स्थानीय रस्मो रिवाज के पश्चात इसके रिश्तेदारों और परिवारजनों के रोने बिखलने की आवाज से वहां का माहौल बहुत ही गमगीन हो गया। शहीद का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पार्थिव शरीर को उसके बड़े भाई खेमराज ने मुखाग्नि दी। खेम राज ने कहा कि अपने छोटे भाई के लिए अंतिम विदाई की सिर्फ  यादें रह जाएंगी, लेकिन इसका बलिदान पूरा गांव एवं समस्त तीर्थन घाटी के लोग सदैव याद रखेंगे। पिता झुडू राम का कहना है कि इन्हें अपने छोटे बेटे की शहादत का दुख तो है, लेकिन इसने देश सेवा करते हुए अपनी जान न्यौछावर की है, जो हम सब के लिए गर्व की बात है। बंजार विधानसभा के विधायक सुरेंद्र शौरी का कहना है कि शहीद लगन चंद ने देश के लिए महान बलिदान दिया है। इस अवसर पर विशेष तौर पर वन मंत्री गोविंद ठाकुर भी मौजूद रहे और उन्होंने इस दुख की घड़ी में शहीद के परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया।