चैत्र में पहली बार जीरो कमाई
बैंक की किस्त भरना हुई मुश्किल, 40 के करीब अस्थायी दुकानों का होगा किराया माफ
बिझड़ी-कोरोना संकट के कारण पूरे देश प्रदेश व स्थानीय इलाकों में अभूतपूर्व सन्नाटा छाया हुआ है। इस सन्नाटे का असर आम लोगों की जिंदगी के साथ ही भगवान के दर भी देखा जा रहा है। उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चैत्र महीने के बावजूद वीरानगी छाई हुई है। आमतौर पर इस माह मंदिर में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों के लिए पहुंचते थे, लेकिन कोरोना के चलते लगे कर्फ्यू के बाद दियोटसिद्ध मंदिर व बाजार पूरी तरह से सुनसान हैं। दुकानदार अपनी दुकानों को बंद करके कर्फ्यू का पालन कर रहे हैं। जबकि सड़कों पर इक्का-दुक्का पुलिसकर्मियों के अलावा कोई नजर नहीं आता है। कारोबार के पूरी तरह से ठप हो जाने के कारण दुकानदार मायूसी में घिरे हुए हैं। कारोबार में नुकसान उठाने के बाद उन्हें अब बैंक किस्त व अन्य खर्चों की चिंता सताने लगी है। हालांकि इसी बीच सूचना मिली है कि पंचायत द्वारा किराए पर दी गई 40 के लगभग दुकानों का किराया माफ कर दिया जाएगा। जिसने किराया एडवांस में लिया गया है। उसे वापस किए जाने की योजना बनाई जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि पूरे साल भर का खर्च मेलों के दौरान हुई कमाई से निकलता था, लेकिन अब हमें कर्फ्यू के कारण कमाई तो क्या खाने के भी लाले पड़ने वाले हैं। मंदिर न्यास ट्रस्टी पवन जगोता का कहना है कि हम आपदा से निपटने में पूरी तरह से सरकार के साथ हैं। मंदिर मार्केट में कर्फ्यू का पूरा पालन किया जा रहा है, लेकिन सरकार को दुकानदारों की दिक्कत की तरफ भी ध्यान देना होगा। वहीं बाजार कमेटी प्रधान संजय का कहना है कि दुकानदार सरकार से आशा लगाए बैठे हैं कि उन्हें आपदा के कारण पैदा हुई परिस्थितियों से लड़ने में मदद की जाएगी। उन्होंने सरकार से दुकानदारों के लिए राहत पैकेज लाने या ब्याज में छूट की मांग की है।
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