जल्दी घर आने का बोल…तिरंगे में आया 

दो महीने की छुट्टी काट कर ड्यूटी पर लौटा था संजीव, मां-बाप का इकलौता सहारा छिना

भराड़ी – मिलनसार और मृदुभाषी सूबेदार संजीव कुमार के मन में बचपन से ही सेना में जाने का जज्बा था। हालांकि परिवार की आय भी कोई खास नहीं थी। सीमित साधनों के बावजूद अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी करके 27 अगस्त 1996 में संजीव सेना में फोरपैरा मिलिट्री में भर्ती हुए। इससे परिवार में आर्थिक स्मृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ। संजीव कुमार अभी दो माह पहले ही छुटटी काटकर ड्यूटी पर गए थे और यह कहकर गए थे कि वह जल्द घर आएंगे, लेकिन होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। शहीद संजीव कुमार अपने पिता ज्ञान चंद और माता कमला देवी के इकलौते बेटे थे। शुरुआती दौर में गरीबी में परिवार का गुजर बसर हुआ। उसके चाचा जसवंत सिंह बताते हैं कि संजीव कुमार शुरू से ही मिलनसार और मृदुभाषी थे और समाज में उनका मान सम्मान था। गांव में हर वर्ग के साथ तालमेल बनाए रखते थे। जसवंत सिंह ने बताया कि संजीव शुरू से सेना में जाने के जज्बे से भरा था और अपने सपने को साकार भी किया। वह अपने बूढ़े माता-पिता का एकमात्र सहारा था, लेकिन शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। माता पिता से उनका सहारा छिन गया है। संजीव की मौत की खबर पाकर पूरा क्षेत्र शोक में डूबा हुआ है। उधर, संजीव कुमार की 38 वर्षीय पत्नी सुजाता का रो रोकर बुरा हाल है और जीवनसाथी का साथ हमेशा के लिए छूट जाने से बेसुध है। 13 साल का मासूम तनिष्क पिता का साया सिर से उठने से गमगीन है। जैसे ही तिरंगे में लिपटा हुआ शहीद का शव पैतृक गांव पहुंचा तो हर किसी की आंख नम हो गई। भारत माता की जय के नारों से समूचा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा। इस दौरान वहां मौजूद हर कोई आतंकवादियों को कोसता रहा। पूरे राजकीय सैन्य सम्मान के साथ खड्ड किनारे संजीव की अंत्येष्टि की गई। इस मौके पर विधायक राजेंद्र गर्ग, पूर्व विधायक राजेश धर्माणी, एसडीएम शशिपाल शर्मा, डीएसपी बिलासपुर मुख्यालय संजय शर्मा के साथ ही स्थानीय लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी और परिवार को ढाढस बंधाया। साथ ही इस दुख की घड़ी में संवेदना व्यक्त की और शहीद की आत्मिक शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। हटवाड़ पंचायत की प्रधान प्रोमिला देवी ने बताया कि संजीव बहुत मिलनसार प्रवृत्ति का था व जब भी गांव में छुट्टी आता था तब गांव के युवाओं को देश प्रेम व सेना में जाने की प्रेरणा देता था। घुमारवीं विधानसभा विधायक राजेन्द्र गर्ग ने सूबेदार संजीव कुमार के शहीद होने पर गहरा दुख व्यक्त किया व परिवार को ढाढस बंधाया व सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का भी विश्वास दिया। यहां बता दें कि घुमारवीं उपमंडल की भराड़ी उपतहसील के हटवाड़ ग्राम पंचायत के तहत देहरा गांव का सैनिक 43 वर्षीय सूबेदार संजीव कुमार जे एंड के में कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गया। संजीव कुमार फोरपैरा मिलिट्री में थे और इन दिनों श्रीनगर के कुपवाड़ा में तैनात थे। आतंकी मुठभेड़ में उनकी शहादत की खबर मिलते ही परिवार व पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया है। शहीद के शव को बिलासपुर जिला स्थित उनके पैतृक गांव लाया गया। जहां खड्ड के किनारे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। बेटे तनिष्क ने पिता को मुखाग्नि दी।