डॉनल्ड ट्रंप के आगे झुके पीएम नरेंद्र मोदी? मलेरिया की दवा के निर्यात का रास्ता खोलने पर विपक्ष ने उठाए सवाल

By: Apr 7th, 2020 4:13 pm

ट्रंप संग मोदी (फाइल फोटो)दिल्ली – मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर अमेरिका और भारत में जारी विवाद के बीच देश में इसपर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी नेताओं ने इसका निर्यात करने से पहले देश की सोचने की हिदायत दी है। कांग्रेस नेता ने यहां तक कहा कि मोदी ट्रंप से डरकर बैन हटा रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही साफ कहा है कि अपनी जरूरत पूरी करने के बाद भी भारत इसका निर्यात करेगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मलेरिया की दवा को लेकर आए ट्रंप के बयान पर कहा कि सरकार दूसरे देशों की मदद करे, लेकिन भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी दवाएं उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने ट्रंप का नाम लिए बिना निशाना साधा और कहा कि दोस्ती का मतलब जवाबी कार्रवाई नहीं होता है। राहुल ने ट्वीट किया, ‘दोस्ती में जवाबी करवाई नहीं होती। भारत को जरूरत के इस समय में सभी देशों मदद करनी चाहिए, लेकिन जीवनरक्षक दवाएं भारतीय नागरिकों के लिए उचित मात्रा में पहले उपलब्ध होनी चाहिए।’  वहीं कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि शर्तों के साथ दोस्ती मतलब कोई दोस्ती है ही नहीं। बीजेपी सरकार को फिर उस सब पर विचार करना चाहिए जो वह दूसरे देशों केलिए कर रही है। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने लिखा कि यह पूरे देश के लिए बहुत शर्म की बात की है कि ट्रंप ने भारत को बदले की कार्रवाई की धमकी दी है। मोदी ने उनके लिए नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम करके पूरा एक महीना और करीब 100 करोड़ रुपये बर्बाद किए। अब वह ट्रंप के सामने नम्रतापूर्वक आत्मसमर्पण कर रहे हैं और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटा रहे हैं।
सरकार पहले ही दे चुकी है सफाई
दरअसल, भारत ने पैरासिटामोल और मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाने की बात कही है। कहा गया है कि अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। भारत ने यह भी कहा है कि वह इन दवाओं को उन जरूरतमंद देशों को भी भेजेगा जो इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हैं। विदश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे कठिन परिस्थिति में किसी तरह के अनर्गल विवाद को खड़ा नहीं किया जाना चाहिए। भारत के पास अमेरिका समेत 20 देशों से इस दवा की डिमांड है। इसमें श्री लंका और नेपाल भी शामिल है। पहले भारत ने 25 मार्च को यह फैसला किया था कि फिलहाल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का एक्सपोर्ट नहीं किया जाएगा क्योंकि इससे कोरोना वायरस से निपटने में मदद मिल सकती है। भारत इस दवाई की गोली का का सबसे बड़ा निर्यातक है। सुबह ट्रंप ने भारत से ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ की मांग दोहराते हुए कहा था कि अगर भारत इस दवा की आपूर्ति करता है तो ठीक, वरना हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। इससे पहले रविवार को ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर अपील की थी कि भारत अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उपलब्ध कराए।


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