ढटवाल में करोड़ों के फूल तबाह

किसानों की टूटी कमर, बीमारियों से बचाने के लिए नहीं मिल पा रही दवाइयां

बिझड़ी-कोरोना वायरस के कहर ने प्रदेश में करोड़ों रुपए के पुष्प व्यवसाय को भी संकट में डाल दिया है। करोड़ों रुपयों के फूल मंडियों में जाने को तैयार हैं, लेकिन बीते दो सप्ताह से फूलों की सप्लाई ठप पड़ी है। आलम यह है कि पुष्प उत्पादकों का करोड़ों रुपए का फूल ग्रीन हाउस में ही मुरझा रहा है। समैला से नरेंद्र पटियाल ने बताया कि उन्होंने लगभग एक हजार स्क्वेयर मीटर में कार्नेशन खेती की है। तीन से चार महीने लगातार मेहनत करने के बाद जब मुनाफा कमाने की बारी आई, तो कर्फ्यू लग गया। 18 मार्च के बाद से वह फूलों को मंडियों में नहीं भेज पा रहे हैं। फूलों को माइट व अन्य रोग लगने से सारी फसल के बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है। समय पर दवाइयां न मिलने के कारण आगे आने वाली फसल भी बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है। नरेंद्र निवासी समेला, सतीश चकमोह, निक्का राम बाहल, अर्जन, करतार दलचेहड़ा, प्रमोद लोहारली, सोमदत्त चकमोह व अन्य किसानों ने बताया कि अकेले विकास खंड बिझड़ी के फ्लोरीकल्चर किसानों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। कर्फ्यू के कारण किसान न तो दवाइयां लेने कहीं जा सकते हैं और न ही संबंधित विभाग उनसे कोई संपर्क साधा गया है। फूलों के व्यवसाय से जुड़े किसानों ने सरकार व विभाग से किसानों की समस्याओं को सुलझाने व राहत प्रदान करने की गुहार लगाई है। उद्यान विभाग निदेशक डा. एमएम शर्मा का कहना है कि दवाइयों की खेप जिला मुख्यालय भेजी जा चुकी है। संबंधित डिप्टी डायरेक्टर को  मौके पर भेज कर समस्या के समाधान के निर्देश दिए जा रहे हैं। किसानों को हुए नुकसान का आंकलन करके आगामी कार्रवाई की जाएगी। उधर, डिप्टी डायरेक्टर उद्यान विभाग हमीरपुर गोपाल सिंह चौहान का कहना है कि फ्लोरीकल्चर को हुए नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। वह खुद कर्फ्यू पास बनाकर ढटवाल के किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए विजिट करने आ रहे हैं।