पठानकोट में कोरोना का पहला केस

By: Apr 5th, 2020 12:08 am

सुजानपुर की बुजुर्ग महिला के चपेट आने से हड़कंप; पूरा शहर सील, परिवार के सभी सदस्य आइसोलेशन में

पठानकोट-पंजाब में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। महामारी बने इस वायरस ने राज्य में अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी हैं। शनिवार को पठानकोट के सुजानपुर की 75 वर्षीय महिला राजरानी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया है। यह जानकारी पठानकोट के उपायुक्त गुरप्रीत सिंह खैरा ने दी। उन्होंने बताया कि राज रानी, जो मोहल्ला शेखा सुजानपुर जिला  पठानकोट से हैं, पहली अप्रैल को सिविल अस्पताल पठानकोट पहुंचीं थीं। वह छाती और सीने में दर्द की मरीज हैं। सिविल सर्जन के अनुसार उन्हें खराब स्वास्थ्य के कारण अमृतसर रैफर किया गया था। उन्होंने बताया कि राज रानी के परिवार में लगभग नौ सदस्य हैं और वे सभी एक साथ रहते हैं। जिला प्रशासन द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें एडीसी(जे), डीएसपी और एसएमओ भी शामिल हैं।  यह तीन सदस्यीय समिति इस मामले की पूरी जांच करेगी कि परिवार  किस- किस से मिला है। उन्होंने बताया कि पूरे परिवार को आइसोलेशन में स्थानांतरित कर दिया गया था। उपायुक्त ने कहा कि मामले को देखते हुए सुजानपुर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और कर्फ्यू के दौरान छोड़ी गई सभी तरह की छूट बंद कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पठानकोट का यह पहला मामला है। उन्होंने लोगों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, आपको सावधान रहने की जरूरत है। लोग से अपील है कि अपने घर में रहे और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखें।

48 घंटे में 900 एफआईआर दर्ज 1250 गिरफ्तार

जालंधर। पंजाब सरकार ने संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पूरे राज्य में पिछले 13 दिन से कर्फ्यू लगा रखा है। इसके बाद भी कई शहरों में बड़ी संख्या में लोग बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के लिए पंजाब पुलिस ने दस जिलों में ड्रोन से निगरानी शुरू की है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि बीते 48 घंटे में कर्फ्यू के उल्लंघन के मामले में करीब 900 एफआईआर दर्ज कर 1250 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।  इसके अलावा 800 वाहन जब्त किए गए हैं। जालंधर में सबसे ज्यादा 119 और अमृतसर में 93 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इससे पहले सीएम अमरेंदर सिंह ने बताया था कि कर्फ्यू 14 अप्रैल को हटा दिया जाएगा, यह कहना अभी मुश्किल है। दस अप्रैल को स्थिति का रिव्यू किया जाएगा। इसमें संक्रमण की स्थिति को देखा जाएगा। अगर हालात काबू में नहीं आए तो फिर सरकार के पास पाबंदियां लगाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होगा।


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