प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास पर दो सप्ताह बाद विचार

By: Apr 8th, 2020 12:05 am

नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के बाद प्रवासी मजदूरी के प्रभावी पुनर्वास सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश संबंधी अर्जी की सुनवाई मंगलवार को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की खंडपीठ वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की एक वादकालीन अर्जी पर दो सप्ताह बाद विचार करेगी। पीठ ने कहा कि वह इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) की रिपोर्ट पर भी विचार किया जाएगा। उधर, उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर 50 साल की आयु से अधिक या बीमार कैदियों की जेलों से रिहाई के निर्देश संबंधी याचिका पर सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया। खंडपीठ ने कहा किकैदियों की रिहाई का आदेश ऐसे सभी कैदियों के लिए नहीं दिया जा सकता। यह अलग-अलग मामलों के आधार पर होना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि हमें नहीं पता कि सरकार इस बारे में क्या सोचती है, लेकिन हमें लगता है कि यह मुकदमों के आधार पर होना चाहिए। हम सभी मामलों के लिए एक ही आदेश पारित नहीं करेंगे। आप अपने मामले में सरकार के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। हम सामान्य आदेश पारित करना उचित नहीं समझते। याचिकाकर्ता अमित साहनी ने न्यायालय की अनुमति से याचिका वापस ले ली।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App