बंजार का वला हूम पर्व स्थगित

देवता कमेटी की बैठक में कारकूनों-हारियानों ने लिया फैसला

गुशैणी – कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार और अन्य कई संस्थाओं के लोग तरह-तरह से अपनी सेवाएं देने में जुटे हैं। इसी कड़ी में बंजार घाटी के देवी-देवताओं ने भी अपने-अपने कोष से धनराशि देने की पहल की है। घाटी में कोठी शिकारी ग्राम पंचायत वलागाड के प्रसिद्ध मुआफिदार देवता महर्षि मार्कंडेय और देवी त्रिपुरा बालासुंदरी ने भी इस संकट की घड़ी में अपने कोष से 51,000 रुपए की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला लिया है। देवी और देवता के समस्त हारियानों व कारकूनों द्वारा यह सामूहिक फैसला लिया गया है। साथ ही यह भी फैसला लिया गया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर जो हूम पर्व जगराता वला मंदिर परिसर में 12 अप्रैल को मनाया जाता था, उसे भी स्थगित किया गया है। देवता कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने सभी हारियानों और आने जाने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि इस वर्ष सभी लोग अपने-अपने घरों में रहकर देवी-देवताओं का सुमिरन करें, ताकि जल्द से जल्द इस महामारी से छुटकारा मिल सके। उन्होंने कहा कि हम सब का दायित्व बनता है कि सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करके प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने बताया कि देवी-देवता के समस्त हारियानों और कारकूनों द्वारा सामूहिक रूप से यह फैसला लिया गया है और देवता के कोष में से 51000 रुपए का चेक उपमंडल अधिकारी बंजार के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेजा गया है। लोगों का कहना है कि देवी देवताओं के कोष से इस आपदा की घड़ी में मानव सेवा के लिए धनराशि दिए जाने का फैसला स्वागत योग्य है।