बस में बांटा था प्रसाद

By: Apr 7th, 2020 12:05 am

गगरेट  – सोलन जिला के नालागढ़ में पाए गए कोरोना वायरस के तीन मामलों के बाद जिस बस में ये लोग दिल्ली से नालागढ़ पहुंचे थे, उस बस के यात्रियों व बस चालक-परिचालक की शिनाख्त कर उन्हें भी समाज से अलग करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में उपमंडल गगरेट के दियोली गांव से एचआरटीसी बस के चालक व एक परिचालक को जिला के एक निजी अस्पताल में क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया है, जबकि परिवार के अन्य नौ सदस्यों को समाज से अलग कर होम आईसोलेट किया गया है। बस चालक संबंधी जानकारी आने के बाद रविवार-सोमवार रात्रि करीब दो बजे पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें बस चालक के घर पहुंची और चालक व उसके परिवार की स्वास्थ्य संबंधी प्रारंभिक जांच की। हालांकि अभी तक किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग एहतियातन इन लोगों के सैंपल लेकर कोराना वायरस की जांच करवाएगा। इस बस में तबलीगी जमात से संबंधित 23 यात्री व एक बच्चा आए थे। अहम बात यह है कि बस पीपली से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित बाबे दा ढाबा पर खाना खाने के लिए भी रुकी थी। बताया जा रहा है कि इस ढाबे पर अन्य यात्रियों के साथ इन लोगों ने भी भोजन किया था। उस समय ढाबे पर अन्य बसों के यात्री भी भोजन कर रहे थे। यही नहीं, बल्कि तबलीगी जमात के एक शख्स ने बस में प्रसाद बताकर पेठा भी बांटा था। इसे बस परिचालक व चालक को भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे खाने के बजाय फेंकना उचित समझा था। हालांकि चालक अठारह मार्च को ही अपने घर आ गया था और यहां आने के बाद वह परिवार के साथ ही रहा, जबकि गांव के कुछ लोगों की मानें तो वह गांव के कुछ लोगों के संपर्क में भी आया था। एसडीएम विनय मोदी ने बताया कि एहतियात के तौर पर चालक व एक परिचालक को ऊना के एक निजी अस्पताल में बनाए क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जबकि परिवार के अन्य नौ सदस्यों को घर पर होम क्वारंटीन किया गया हैं।  यहां इनके रहने व खाने-पीने की सारी व्यवस्था कर दी गई है। यही नहीं बल्कि कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए इनके सैंपल भी जांच को भेजे जा रहे हैं।


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