बारिश…सेब की फ्लावरिंग को नुकसान

By: Apr 2nd, 2020 12:20 am

ठियोग-मंगलवार रात को ऊपरी शिमला के ठियोग सहित अन्य इलाकों में भारी बारिश के कारण खासतौर से निचले क्षेत्रों में सेब की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इन दिनों निचले इलाकों में सेब में फ्लावरिंग शुरू हो चुकी है, लेकिन ठीक समय पर बारिश व ठंड के कारण सेब की सेटिंग पर असर पड़ने की संभावना लगाई जा रही है। मंगलवार को भारी बारिश के अलावा कई जगह हल्की ओलावृष्टि भी हुई है। इससे सेब तथा सब्जियों की फसल को नुकसान हुआ है। सेब के बागीचों में फ्लावरिंग के समय में ठंड पड़ने से बागबान बेहद परेशान हैं और  सालभर की फसल को लेकर चिंतित हैं। गत वर्ष सेब की फसल अच्छी थी। इस बार ठीक फ्लावरिंग पर बारिश व ठंड पड़ने के कारण असर पड़ सकता है। हालांकि इस बारिश से नमी होने के कारण सब्जी उत्पादकों को राहत की सांस मिल रही है। बारिश होने से खेतों में लगी फ्रासबीन व मटर की फसल किसानों को सिंचाई नहीं करनी पड़ रही है। बागबानी विशेषज्ञ की मानें तो फ्लावरिंग के दौरान तापमान यदि सामान्य स्थिति में रहता है, तो सेब की अच्छी सेटिंग होने की उम्मीद रहती है, लेकिन तापमान में गिरावट आने पर फूल में परागण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती। इससे सेब की सेटिंग पर असर पड़ता है। अच्छी सेटिंग के लिए तापमान 15 डिग्री से अधिक होना चाहिए। रात में मौसम साफ रहता है, तो यह भी हानिकारक माना जाता है, क्योंकि रात के समय कोहरा गिरने से तापमान बेहद नीचे गिर जाता है। इससे पौधों की पंखुडि़यां सिकुड़ जाती हैं। तापमान इस दौरान सामान्य स्थिति में रहे तो तभी अच्छी पैदावार होने की उम्मीद रहती है। इन दिनों निचले इलाकों में सेब की फ्लावरिंग व पिंक बड स्टेज चल रही है। देखने में आ रहा है ठंड बड़ने से फूल खिला हुआ नजर नहीं आ रहा है। बहरहाल किसान बागबान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इस बार भी उनके सेब की अच्छी पैदावार होगी। ठियोग में बारिश का दौर बुधवार शाम को भी जारी रहा। इस कारण नदी नालों  में सिल्ट भरने के कारण पानी की अधिकतर योजनाएं नहीं चल सकीं। गिरि नदी में गाद भरने से पानी काफी मटमैला हो गया है। इसके अलावा नदी नालों में भारी बारिश के कारण पानी गंदा हो गया है।


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