ब्राह्मण समाज ने सरकारों से की राहत पैकेज की मांग

पद्धर-हिमाचल प्रदेश ब्राह्मण समाज ने केंद्र और राज्य सरकार से राहत पैकेज की मांग उठाई है। ब्राह्मण समाज का कहना है कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के लॉकडाउन के चलते कर्मकांडी, ब्राह्मण, पुजारी, तीर्थ पुरोहित व ज्योतिषियों की रोजी रोटी तमाम धार्मिक कार्य बंद होने से छीन गई है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को ब्राह्मण वर्ग भी राहत पैकेज श्रेणी में शामिल करना चाहिए। ब्राह्मण वर्ग पूजा-पाठ व तीर्थ पर सेवा का अपना उपार्जन करता है। हिमाचल प्रदेश ब्राह्मण समाज फ ाउंडर सदस्य पंडित शालू शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारों ने किसानों, बीपीएल कार्ड धारी, पेंशनर्ज, विकलांग, विधवा, वृद्ध, दिहाड़ीदार मजदूर, कर्मचारी, अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, उज्वला समूह और जनधन खाताधारी सहित विभिन्न प्रकार की अलग.अलग कैटेगरी के लगभग 132 करोड़ लोगों को करोड़ों रुपए का राहत पैकेज देने की घोषणा की है। लेकिन ब्राह्मण समाज जो धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ, मंदिरों तथा तीर्थों की सेवा में लगा हुआ है। पूरी तरह अछूता है जिसके लिए इस तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है। ब्राह्मण वर्ग प्रतिदिन पूजा पाठ व मंदिरों की सेवा के रूप में आजीविका अर्जित करते हैं। ऐसे में केंद्र और प्रदेश सरकार को ब्राह्मण वर्ग के हितों को लेकर सामने आते हुए भरपूर मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार की योजनाओं से ब्राह्मण वर्ग पूरी तरह वंचित है। पंडित शालू शर्मा ने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार को ज्ञापन भेजकर पूरी स्थिति से अवगत करवाया जाएगा। आर्थिक पैकेज की मांग प्रमुखता के साथ उठाई जाएगी।