मानव से मानव में फैलने का खतरा 2012 से दिखा

By: Apr 5th, 2020 12:04 am

डा. अरुण कुमार आयुष मंत्रालय में शोधकर्ता

मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम या मर्स: सितंबर, 2012 में, एक नए प्रकार के कोरोना वायरस की पहचान की गई, जिसके तुरंत बाद डब्लूएचओ ने एक वैश्विक अलर्ट जारी किया और इस वायरस को नोवेल कोरोना वायरस 2012 कहा गया। 28 सितंबर, 2012 को, डब्लूएचओ ने अपडेट में कहा कि यह वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में आसानी से नहीं जा रहा। हालांकि ट्यूनीशिया में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मानव से मानव संचरण के दो ऐसे मामले रिपोर्ट किए, जिनको लगता था यह बीमारी उनके पिता से आई है, जो सउदी अरब की यात्रा में बीमार हुए थे। इसके बाद जब अधिकांश संक्रमित व्यक्तियों से वायरस दूसरों में प्रसारित नहीं हुआ, तो इस वायरस का मानव से मानव में फैलने की परेशानी नहीं दिखी, जिसकी पुष्टि फ्रांस के मानव मामलों के सामाजिक मामलों और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 12 मई, 2013 को  की। डच इरास्मस मेडिकल सेंटर द्वारा वायरस का अध्ययन करने के बाद वायरस को एक नया नाम ह्यूमन कोरोना वायरस इरास्मस मेडिकल सेंटर दिया। हालांकि अब वायरस का अंतिम नाम मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम या मर्स कोरोना वायरस है। 2014 में, सऊदी अरब से अमरीका लौटे दो व्यक्तियों में मार्स का संक्रमण पाया गया। इसके अलावा मई, 2015 को मार्स का प्रकोप कोरिया में  भी पाया गया। दिसंबर 2019 तक मर्स कोरोना वायरस से दुनिया भर में  2400 से ज्यादा लोग संक्रमित व 851 की मृत्यु  को प्राप्त हो चुके है।

कोरोना वायरस रोग-2019ः हाल ही दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में लोगों में निमोनिया का प्रकोप हुआ और सिद्ध हुआ कि यह प्रकोप एक नए कोरोन वायरस के संक्रमण से फैला है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अंतरिम नाम 2019 नोवेल कोरोना वायरस-2019 और बाद में सार्स-2 और कोविड-19 दिया गया। कुछ शोधकर्ताओं ने यह सुझाव दिया है कि वुहान शहर के ह्यूआन सीफूड

होलसेल मार्केट से वायरस का मनुष्यों में अंतरण नहीं हो सकता, हालांकि हालांकि इसकी सतत पुष्ठि के लिए चीन के स्वास्थ्य अधिकारी व विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) इसकी जांच कर रहा है। चमगादड़ से उत्पति पर तथ्यः वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार वुहान शहर के इस वायरस की सम्मानता मानव सार्स कोरोना वायरस से 78ः जबकि 96ः चमगादड़ में पाए जाने वाले कोरोना वायरस से है। अतः इसकी मानव में उत्पत्ति की संभावना को चमगादड़ से भी जोड़ के देखा जा रहा है। इस विषय पर अभी जांच जारी है, अतः अभी निष्कर्ष निकालना जटिल है। इस मानव कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने या इलाज करने के लिए अभी तक टीके या एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं। इस महामारी के परिणामस्वरूप कई देशों में यात्रा प्रतिबंध और देशव्यापी लॉकडाउन हो चुका है।


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