संक्रमण ने बढ़ाया पोल्ट्री फार्म पर खतरा

By: Apr 9th, 2020 12:02 am

फीड न मिलने पर मर रहीं मुर्गियां, दुकानें न खुलने पर बढ़ रहा कर्जा

श्रीआनंदपुर साहिब-समूचे देश के अंदर कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए लॉकडाउन और पंजाब में लगे कर्फ्यू के कारण लगभग समूचा पोल्ट्री उद्योग पूरी तरह से तबाह हो गया है। मुर्गियों के लिए फीड न मिलने के कारण और प्रशासन द्वारा कोई भी दुकान न खोलने के कारण बैंकों से लाखों रुपए का कर्जा उठाकर लगाए पोल्ट्री उद्योग में किया सारा निवेश इस बंद की भेंट चढ़ चुका है। जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से ही समूचे पोल्ट्री उद्योग भी वेंटीलेटर पर चल रहा था। इस कारोबार के साथ जुड़े नौजवानों को कुछ आशा थी कि शायद प्रशासन द्वारा बाकी दुकानों की तरह इस कारोबार के साथ जुड़ी दुकानें भी खुल जाएंगी पर न तो दुकानें खुली और न ही कोई होटल खुल सके और तो और इन फार्म में पल रही हजारों मुर्गियां  के जिंदा रहने के लिए फीड भी मुहैया नहीं हो सकी, जिस कारण रोजाना हर फार्म पर सैकड़ों मुर्गियां मरनी शुरू हो गईं और देखते ही देखते आंकड़ा हजारों पर पहुंच गया। आलम यह है जिस फार्म में 22 मार्च तक 16 से 20000 तक मुर्गियां थी, वहां अब 500 से 700 मुर्गी ही रह गई हैं जिस कारण इस पेशे से जुड़े सारे ही नौजवान बड़ी आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं, बल्कि लाखों रुपए के कर्जे की मार के नीचे आ चुके हैं। इस बाबत इलाके के पोल्ट्री फार्म जिनमें जसमन पोल्ट्री फार्म, रविंद्र पोल्ट्री फार्म, बंदलहरी, कश्मीर और संत पोल्ट्री फार्म, खान पोल्ट्री फार्म  रायपुर, मल्हारू पोल्ट्री फार्म ढेर, मोहित पोल्ट्री फार्म, राणा पोल्टी फार्म गंगवाल के अलावा नानू बाल में स्थित पोल्ट्री फार्म का कारोबार करने वाले लोगों में प्रभजोत सिंह,  रविंद्र सिंह, हरजीत सिंह, सुनील, गुरजीत सिंह, जसवीर सिंह आदि ने बताया कि न तो उनकी मुर्गियों को फीड का प्रबंध हो पाया और न ही इनकी बिक्री के लिए कोई दुकान खुली है। इसी तरह अंडों का कारोबार से जुड़े हरजिंदर पाल बैंस ने बताया कि कर्फ्यू लगने के बाद मेरा अकेले का रोजाना 30, 40 हजार का नुकसान हो रहा है।

 


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