सरकार की कमाई पर कोरोना अटैक

शिमला-हिमाचल सरकार को विभिन्न परियोजनाओं से मिलने वाली हिस्से की बिजली में कमाई कम हो गई है। मार्च में बिजली की बिक्री का काम पूरी तरह डाउन हो गया है, जिससे प्रदेश को नुकसान उठाना पड़ा है। बाजार में हाइड्रो पावर का रेट काफी ज्यादा कम हो चुका है, उस पर कोरोना का कहर है, जिसके चलते मार्च में बाजार भाव कम हुआ है। इसका सीधा असर प्रदेश की सालाना इनकम पर पड़ा है। आंकड़ों के अनुसार हिमाचल सरकार को हिस्सेदारी की बिजली से पिछले साल 1071 करोड़ रुपए की इनकम हुई थी, जो इस साल घटकर 1038 करोड़ रुपए हो गई है। इसमें सीधे-सीधे 33 करोड़ रुपए की कमी आई है। इस कमी से प्रदेश सरकार को नुकसान हुआ है। पिछले साल मार्च में इस बिजली से प्रदेश सरकार ने एक महीने में 29 करोड़ 31 लाख रुपए की राशि कमाई थी, लेकिन इस साल कोरोना के कहर के बीच 22 करोड़ रुपए की बिजली ही बिक सकी है, जो कि एक्सचेंज में बेची गई है। बाजार में हाइड्रो पावर का रेट इन दिनों दो रुपए 20 पैसे प्रति यूनिट हो चुका है। पिछले दिनों यह रेट दो रुपए 29 पैसे प्रति यूनिट था, जिसमें लगातार कमी हो रही है। ऐसे में किस तरह सरकार की कमाई बढ़ेगी, यह सोचा जा सकता है। हिमाचल में बिजली परियोजनाएं पहले ही नहीं लग रही और अब जो बिजली यहां उत्पादित की जा रही है, उसे बेचने में भी कठिनाई हो रही है। सरकार के लिए परियोजनाओं की बिजली की हिस्सेदारी एक बड़ी कमाई है, जिसमें पिछले कुछ सालों से कमी दर्ज की जा रही है। दो साल पहले इस कमाई का आंकड़ा 1400 करोड़ रुपए तक का था, जो अब एक हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने लगा है। हर साल बिजली की कमाई से बड़ा टारगेट रखा जाता है, लेकिन अब यह टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा।