सांसदों ने दी 30 फीसदी सैलरी

By: Apr 7th, 2020 12:06 am

वायरस से लड़ाई के लिए एमपी फंड भी दो साल के लिए सस्पेंड

नई दिल्ली – कोरोना वायरस से लड़ाई में देश के संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से अपने वेतन में 30 फीसदी कटौती का फैसला किया है। यह रकम भारत की संचित निधि में जमा होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री सहित सभी सांसदों के वेतन में साल भर के लिए 30 प्रतिशत की कटौती होगी। केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को ये महत्त्वपूर्ण फैसले किए हैं। सांसद निधि के तहत मिलने वाले फंड को भी दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। सभी सांसदों के वेतन में सालभर के लिए 30 प्रतिशत की कटौती करने संबंधी अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कैबिनेट में तय किया गया कि इस फैसले को कार्य रूप देने के लिए एक अध्यादेश लाया जाएगा। बाद में जब संसद का सत्र शुरू होगा, तो उसमें इस बारे में कानून पारित करा लिया जाएगा। सरकार की ओर से सांसदों ने दी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सांसदों को हर साल मिलने वाली निधि या एमपी लोकल एरिया डिवेलपमेंट (एलएडी) फंड भी दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस मद में सांसदों को जो हर साल दस-दस करोड़ रुपए की राशि मिलती है, वह कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया में जमा होंग, ताकि उससे कोरोना वायरस के दंश से लड़ा जा सके। यह पूछे जाने पर कि सांसदों के वेतन में कटौती और एमपी लैड से कितने पैसे जमा होंगे, तो उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कुल रकम कितनी होती है,  यह महत्त्वपूर्ण नहीं है। महत्त्वपूर्ण है सांसदों की भावना, इस पर ध्यान दीजिए।

पीएम ने मंत्रियों संग की वीडियो कान्फ्रेंसिंग

पीएम मोदी ने सोमवार को अपने मंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस पर चर्चा की। पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के नियम और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जाना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद पैदा होने वाले हालात के लिए रणनीति बनाना जरूरी है। उन्होंने मंत्रालयों से 10 बड़े फैसलों और 10 प्राथमिकता वाले इलाकों की लिस्ट बनाने के निर्देश दिए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App