सुनो सरकार! लघु उद्योगों को बचाने पर करो विचार

यहां आयोजित हुई मासिक बैठक में लघु उद्योग भारती ने उठाई कई मांगें

बीबीएन-लघु उद्योग भारती से जुड़े उद्यमियों ने प्रदेश सरकार से लॉकडाउन के चलते उन्हें आ रही समस्याओं को हल करने की मांग की है। लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष राजीव कंसल ने कहा कि सरकार बीबीएन में फार्मा उद्योगों की तर्ज पर लघु उद्योगों को भी चलाने की अनुमति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि बीबीएन में कई लघु उद्योग ऐसे हैं, जिनमें ज्यादातर कामगार उद्योगों में ही रहते हैं, इसके अलावा कई लघु उद्यमी बीबीएन एरिया में ही रह रहे हैं। ऐसे उद्यमियों को अपने लघु उद्योग चलाने की सरकार को अनुमति देनी चाहिए। कंसल ने कहा कि लघु उद्यमी प्रदेश के विकास दर में 80 फीसदी का योगदान दे रहे हैं। बावजूद इसके प्रदेश सरकार इन छोटे उद्यमियों के बारे में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है, जबकि यह उद्यमी लॉकडाउन के दौरान अपना पूर्ण सहयोग प्रदेश सरकार तथा जिला प्रशासन को दे रहा है। प्रदेशाध्यक्ष राजीव कंसल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नेत्र प्रकाश कौशिक व फार्मा विंग के प्रदेश संयोजक चिरंजीव ठाकुर ने बताया कि लघु उद्योग से जुड़े उद्यमियों ने करीब दस हजार सेनेटाइजर, मास्क और जरूरतमंदों को भोजन बांट कर सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते छोटे उद्योग पूरी तरह से लड़खड़ा गए हैं और उनको पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार को आगे आना चाहिए। राजीव कंसल ने कहा कि छोटे उद्योगों को चलाने के लिए जिला प्रशासन को उपनिदेशक बीबीएनडीए स्तर के अधिकारी को नियुक्त करना चाहिए। अभी तक उद्यमियों को एक लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को छोटे उद्योगों पर से न्यूनतम कर सीमा में कटौती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छोटे उद्यमियों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि बीबीएन के लघु उद्यमियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि कई उद्यमीऐसे हैं जो थर्ड पार्टी माल तैयार करते हैं। ऐसे उद्यमियों के पास कई बार अपने कामगारों तक को देने के लिए पैसे नहीं होते। इस मौके पर फार्मा विंग के चेयरमैन चिरंजीव ठाकुर, संयुक्त सचिव अनिल मलिक, कोषाध्यक्ष वेद प्रकाश मिश्रा व राजेश जिंदल उपस्थित रहे।