सेवादूतों से हारेगा कोरोना

By: Apr 1st, 2020 12:03 am

जोगिंद्र ठाकुर, कुल्लू         

भारतीय संस्कृति में एक कहावत प्रचलित है- प्रथम सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया। स्वास्थ्य को माया से भी ऊपर माना गया है। इसी सिद्धांत को सामने रखकर भारत  मानव जाति को बचाने की पैरवी कर रहा है। जबकि शेष विश्व अपनी अर्थव्यवस्था की चिंता करता दिख रहा है। कोरोना मानव अस्तित्व के लिए खतरा बनकर आया है। भारत सरकार द्वारा जनता के लिए आर्थिक रियायतें देना मानवीय पक्ष का ही प्रकटीकरण है। अनेकों फिल्मी हस्तियां, खिलाड़ी, उद्योगपति, सामाजिक-धार्मिक संस्थान, स्वयंसेवी संगठन तथा अनेकों लोग अलग-अलग रूपों में देवदूत बनकर सामने आए हैं। संकट काल में जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन-पानी, स्वास्थ्य आदि  की व्यवस्था में योगदान करना परोपकार की अनूठी मिसाल है। यह कोरोना से दो-दो हाथ करने वाला कार्य है।

                                                 


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