स्वयंसेवकों के तौर पर सेवाएं देगा स्वास्थ्य विभाग 

कोविड-19 से लड़ने के लिए डाक्टर; नर्स, फार्मासिस्ट ने करवाई रजिस्ट्रेशन

चंडीगढ़ – सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रदान करने के लिए 531 डाक्टर, 4680 नर्स 2056 फार्मासिस्ट और 1648 लैब टेक्नीशियन आगे आए हैं और अपने आप को कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए वालंटियर के तौर पर रजिस्टर करवाया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मंगलवार को बताया कि जहां तक मानवीय स्रोतों का सवाल है, स्वास्थ्य विभाग को राज्य भर से डाक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ  द्वारा व्यापक स्तर पर प्रक्रिया देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि रेगुलर और कॉन्ट्रेक्चुअल माहिर डाक्टर, डाक्टर और पैरा-मेडिकल स्टाफ  के अलावा सैकड़ों डाक्टर और पैरा-मेडिकल स्टाफ  ने स्वयंसेवकों के तौर पर अपनी रजिस्ट्रेशन करवाई है। वे सभी कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि लगभग वॉर्ड अटेंडेंट और 243 रेडियोग्राफारों ने भी वॉलंटियरों के तौर पर रजिस्टर्ड करवाया है। बलबीर सिंह सिद्धू ने आगे बताया कि सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्य स्टाफ  समेत निजी अस्पतालों में नर्सिंग और पैरा-मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग होमज और डायग्नोस्टिक लैबों आदि को मेडिकल काउंसिल ऑफ  इंडिया  और इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा पहचान पत्र जारी किए गए हैं।

मरीजों के लिए 5000 आइसोलेशन बेड

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे स्पष्ट किया कि एक मरीज को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिर्फ  तभी ठीक हुआ घोषित किया जाता है, जब कम से कम एक दिन में लिए गए दो नमूने जांच के बाद नेगेटिव पाए जाते हैं। यह मरीज संक्रमित नहीं रहते और किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित भी नहीं कर सकते। इसलिए इन मरीजों का उनके रिहायशी इलाकों में वापस स्वागत किया जाना चाहिए और वह किसी भी आम व्यक्ति की तरह अपना दिन प्रति दिन का काम फिर से शुरू कर सकते हैं। बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि कोविड के मरीजों की देखभाल के लिए 5000 आइसोलेशन बेडों की पहचान की गई है, जिनमें से 2500 पहले से ही प्रयोग में लाए जा रहे हैं।