30 कर्मियों की  सुरक्षा खतरे में

चंडीगढ़-चंडीगढ़ में कोरोना वायरस के कारण क्वारंटाइन किए गए घरों से जान जोखिम में डाल कर कचरा उठाते हैं सफाई कर्मचारी। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि आज के आंकड़ों के अनुसार शहर में करीब 700 घरों को क्वारंटाइन किया गया है। निगम ने इनके घरों से कचरा उठाने के लिए हर दिन नगर निगम के 30 कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर ऐसे घरों से कचरा इकट्ठा करते हैं। इन कर्मचारियों को दो टीमों में बांटा गया है। इन टीमों का नेतृत्व दो कार्यकारी अभियंता कर रहे हैं। एक टीम का नेतृत्व कर रहे कार्यकारी अभियंता ने बताया कि यह सबसे बड़ा जोखिम का काम है पर, सभी सफाई कर्मचारियों को उचित संरक्षण दिया गया है। निगम प्रतिदिन सुबह ऐसे घरों की सूची अपडेट करता है व उसके बाद ही कर्मचारियों की तैनाती की जाती है।  एक निगम कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें तो नौकरी करनी है अतः जान जोखिम में डालनी पड़ती है। इनका कहना था कि उल्टे लटक कर सीवर साफ  करने से भी ज़्यादा खतरनाक है यह काम। एक अन्य का कहा वह तो घर जाकर भी नहीं बताते कि आज वह इन घरों से कचरा उठा कर आए हैं। इस कार्य के सुपरवाइजर अतुल राणा ने बताया कि कचरा संग्रहण के समय हर श्रमिक को सिर से पैर तक रासायनिक सूट में ठीक से ढंका जाता है। इन घरों से संग्रह के लिए नारंगी या हरे रंग की थैलियों का उपयोग किया जाता है ताकि ये अन्य सामान्य कचरे के साथ मिश्रित न हों। कोज कचरे के लिए एक खाली बैग दिया जाता है और फिर उनसे कचरे से भरा बैग लिया जाता है। निगम कार्यकर्ता इन थैलियों को नहीं छूते हैं। वह इसे दूसरे बैग में लेते हैं और फिर उन्हें ठीक से बांध दिया जाता है। कचरा उठाने के बाद यह लोग सेक्टर 25 में डंपिंग ग्राउंड में जाते हैं, जहां गड्ढों में बैग डंप किए जाते हैं।

क्या कहतें है एमओएच डा. अमृत वारिंग

इस संबंध में निगम के एमओएच डा. अमृत वारिंग ने कहा कि निगम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे घरों से कचरा उठाने वालों को सुरक्षा कवर देकर ही भेजा जाता है। अन्य गारबेज कलेक्टरों को ऐसे घरों से दूर रहने के लिए कहा गया है।