इकोनॉमी को कोरोना का बड़ा डंक, चौथी तिमाही में जीडीपी 3.1 फीसदी, वित्त वर्ष में विकास की रफ्तार 4.2 प्रतिशत

नई दिल्ली – कोरोना लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर असर हुआ है, इसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी के आंकड़े सामने आ गए हैं। चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 फीसदी रही, जबकि पूरे वित्त वर्ष की विकास दर 4.2 फीसदी रही। कोरोना को लेकर पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि चौथी तिमाही की विकास दर काफी घटेगी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि 31 मार्च 2020 को समाप्त पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 प्रतिशत रही। कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण चौथी तिमाही के पूरे आंकड़े एकत्र नहीं किए जा सके हैं। फिलहाल उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है और बाद में पूरे वित्त वर्ष तथा चौथी तिमाही के आंकड़ों में संशोधन किया जाएगा। वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी 145.66 लाख करोड़ रहा जो 2018-19 के 139.81 लाख करोड़ से 4.2 प्रतिशत अधिक है। चौथी तिमाही में जीडीपी 38.04 लाख करोड़ रहा जो 2018-19 की अंतिम तिमाही के 36.90 लाख करोड़ से 3.1 प्रतिशत अधिक है। पूरे वित्त वर्ष के दौरान विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा। इसकी विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 के 5.7 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 0.03 प्रतिशत रह गयी। कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की विकास दर भी 6.1 प्रतिशत से घटकर 1.3 प्रतिशत पर आ गई।