खुशखबरी; पहले ही आ गया मानसून

 केरल के तट से टकराया, देश में कोरोना से जारी मंदी की मार को दूर करेगी बारिश

 प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट का दावा

 भारतीय मौसम विभाग ने पहली जून के लिए की थी भविष्यवाणी

 इस बार 100 फीसदी वर्षा का है पूर्वानुमान

नई दिल्ली-कोरोना काल के बीच राहत भरी खबर यह है कि मानसून केरल के तट से टकरा गया है। यह दावा प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने दावा किया है। अगर यह दावा सही है तो भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के उलट दो दिन पहले ही मानसून केरल पहुंच गया। आईएमडी ने पहली जून को मानसून के पहुंचने की बात कही थी। हालांकि, आईएमडी ने अभी आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया है। मॉनसून ने शुक्रवार को केरल तट पर दस्तक दे दी है। इस साल सामान्य मानसून का पूर्वानुमान है, जो आर्थिक मोर्चे पर बहुत बड़ी राहत का संकेत है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग  ने पहले ही इस साल के लिए मॉनसून सीजन में 100 प्रतिशत बारिश का अनुमान जताया है। पिछले साल आठ जून को मॉनसून ने केरल तट पर दस्तक दी थी, लेकिन इस बार 30 मई को ही उसका आगमन हो चुका है। अच्छा मॉनसून भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। अर्थव्यवस्था पहले ही सुस्ती से जूझ रही है। ऊपर से कोरोना वायरस के कहर ने भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमर ही तोड़ दी है। अब मानसून की झमाझम बारिश देश में मंदी की मार को दूर करेगी। भारत कृषि प्रधान देश है लिहाजा मानसून सामान्य रहने से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा होता है। भारत में ज्यादातर किसान खरीफ की फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर होते हैं। अच्छे मानसून से फसलों की पैदावार बढ़ती है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ती है। अगर अच्छा मानसून रहता है, तो ग्रामीण भारत में लोगों की क्रय शक्ति बढ़ती है। लोग खरीददारी करते हैं। भारतीय इकॉनोमी के लिए मॉनसून की अहमियत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जिस साल यह अच्छा नहीं होता, उस साल बाइक और ऑटो कंपनियों की बिक्री तक प्रभावित हो जाती है।