डैहर में आम की फसल धड़ाम

By: May 30th, 2020 12:20 am

कोरोना महामारी-प्रकृति की बागबानों को दोहरी मार, तूफान ने किया बंपर फसल का काम तमाम

डैहर-वैश्विक महामारी के महासंकट के मध्य पहले से मार झेल रहे किसानों-बागबानों के लिए अब कोरोना के साथ-साथ आसमान से बरसने वाली प्राकृतिक आपदा ने भी अपना दाव खेलते हुए किसानों- बागबानों को दोहरी मार दी है। इस मर्तबा आम के मुख्य केंद्र मानें जाने वाले जिला मंडी के डैहर उपतहसील की विभिन्न पंचायतों में आम की बंपर फसल बागीचों में है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार किसी भी ठेकेदार द्वारा बागीचों को अब तक नहीं खरीदा गया है, जबकि कई वर्षों से आम के खरीददारों द्वारा बागबानों के बागीचे अंकुर लगने के साथ ही खरीदे जाते थे, लेकिन इस मर्तबा कोरोना महामारी के बाद चार लॉकडाउन लगने के बाद ठेकेदारों ने आम की  बंपर फसल के बाद भी बागीचों को खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखाई  है, अपितु किसानों की उम्मीद को अब आसमान से बरसने वाली प्राकृतिक आपदा वर्षा, तूफान व ओलावृष्टि ने बागबानों की बची हुई उम्मीद को भी अब मिट्टी में मिलाना शुरू कर दिया है। क्षेत्र में बुधवार व गुरुवार को शाम के वक्त भारी तूफान व वर्षा ने आम की बंपर फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है, जिससे बागबानों को काफी हानि हुई है। पेड़ों से जमींदोज हुए आमों को निहारने के सिवा किसान-बागबान अपनी किस्मत को दोष दे रहे हैं। गौरतलब रहे कि आम की अच्छी किस्मों के लिए मशहूर जिला मंडी का डैहर उपतहसील क्षेत्र में हर वर्ष सैकड़ों बागीचों में भारी मात्रा में आम के खरीददार ठेकेदारों द्वारा एडवांस में ही पेड़ों के अंकुर लगने के साथ ही अंदाजन रूप में बागबानों के बागीचे में खड़ी फसलों को खरीदा जाता था और बागबानों को भी एडवांस में फसल की सारी राशि पहले ही मिल जाती थी, जिससे बागबानों को काफी लाभ मिलता था, लेकिन कोरोना की मार लॉकडाउन ने आम की फसल पर भी लॉकडाउन लगाते हुए बची हुई कसर प्राकृतिक आपदा तूफान व वर्षा ने पूरी करते हुए बागबानों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

बागबानों को भी मिले नुकसान का मुआवजा

डैहर उपतहसील के अंतर्गत आने वाले विभिन्न क्षेत्रों के बागबानों ने प्रदेश सरकार, प्रशासन व उद्यान विभाग से पहाड़ों में सेब की फसलों को प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने के बाद मिलने वाले राहत मुआवजा की तर्ज पर आम के बागबानों को भी फसलों के नुकसान का मुआवजा दिया जाए, ताकि उन्हें थोड़ी राहत मिल सके।

लीची की ओर बागबानों का रुझान

हर तीसरे वर्ष आम की बंपर फसल आने के बाद बागबानों की फसल कौडि़यों के भाव बिकने व बची कसर प्राकृतिक आपदा वर्षा व तूफान द्वारा पूरी कर देने के बाद अब क्षेत्र के अधिकतर बागबानों द्वारा आम के बागीचों की जगह लीची के बागीचों को प्राथमिकता देते हुए अब लीची के बागीचे तैयार किए जा रहे हैं। आम के मुकाबले बारिश व तूफान में लीची के फलों को कम नुकसान पहुंचता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App