पंडित-बोटियों की कोरोना ने छीनी रोजी-रोटी

सरकाघाट-कोविड-19 कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते विवाह-सादियों यज्ञों व छोटे-बड़े समारोह करने पर लगाई गई पाबंदी ने सैकड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया है। पिछले दो महीनों से ऐसे सारे आयोजन बंद होने से समाज का एक और वर्ग प्रभावित हुआ है, जिसमें पूजा-पाठ, यज्ञ करवाने वाले पंडित, कथा वाचक, खाना पकाने वाले बोटी, पंहैरी, टैंट डेकोरेशन का काम करने वाले और उनके वर्कर भी बेकार हो गए हैं। दो माह से काम न मिलने से इन लोगों की आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ गई है। लॉकडाउन की वजह से समाज के अन्य वर्ग भी बड़ी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, जिनमें प्रवासी मजदूरों व अन्य प्रकार के छोटे-मोटे काम-धंधे करने वालों को तो प्रशासन राहत दे रहा है, लेकिन इन लोगों की तरफ प्रशासन का भी ध्यान नहीं गया है। प्रवासी मजदूरों अन्य कामगारों को प्रशासन की तरफ  से राशन वितरित किया है, लेकिन इस वर्ग की अनदेखी हुई है। शादी व अन्य समारोह में रसोई तैयार करने वाले बोटियों अमर नाथ शर्मा, विजय कुमार, सुरेश कुमार, जीवन लाल, प्रकाश, सोनू, चूनीलाल और पंहैरियों वीरी सिंह, सेनी, हंस राज, पिंकी और प्रकाश चंद ने बताया कि काम न मिलने से अब तो हालत खराब हो गई है और यही स्थिति रही तो खाने-पीने के भी लाले पड़ जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि जैसे धीरे-धीरे सभी के लिए रियायतें दी जा रही हैं, उसी तरह हमें भी ब्याह-सादियों व अन्य समारोहों में खाना पकाने की अनुमति प्रदान करें, ताकि हमारी रोजी-रोटी चल सके। इसके साथ ही सरकार हमारे लिए भी सहायता प्रदान करे।