पहले नेगेटिव… फिर पॉजिटिव, गलती या लापरवाही

By: May 29th, 2020 12:30 am

हमीरपुर में कोरोना से निपटने की व्यवस्थाओं पर सवाल

हमीरपुर – आपदा चाहे छोटे स्तर पर हो या फिर विश्वव्यापी, उसे कंट्रोल करने के लिए सरकारें ऐसी व्यवस्था बनाती हैं, ताकि कहीं कमी न रहे। क्योंकि एक छोटी सी चूक पूरे सिस्टम को क्रैश कर सकती है। ऐसा ही एक मामला हमीरपुर में पेश आया है। जानकारी के अनुसार हमीरपुर में 15 लोगों को पहले एक साथ नेगेटिव बताना, फिर दूसरे ही दिन उन्हें फिर पॉजिटिव बताकर घरों से उठाकर क्वारंटीन सेंटर में डाल देना, इसे गलती कहेंगे या लापरवाही। अगर गलती है तो कैसे और किस स्तर पर हुई और यदि लापरवाही है तो किसने की। जैसे की कहा जा रहा है कि टेस्टिंग लैब से रिपोर्ट केवल पॉजिटिव लोगों की आती है, जिसमें उनके नाम-पते होते हैं। तो क्या जो बाकी लोग बच जाते हैं, उन्हें बिना किसी इंक्वायरी के नेगेटिव मान लिया जाए। देखने में यह भी आ रहा है कि कई बार जिनके सैंपल पहले भेजे जाते हैं, उनकी रिपोर्ट बाद में आती है और जो सैंपल बाद में जाते हैं, उनकी रिपोर्ट्स पहले आ जाती है। इस तरह की अव्यवस्था भी कहीं न कहीं ऐसे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार लगती है। खैर, जो भी हो, लेकिन इस घटनाक्रम ने एक बात की पोल तो खोल दी है कि सरकारी तंत्र अपनी ही गति से चलता है। फिर चाहे मसला आम दिनों का हो या फिर आपदा की स्थिति का।

कौन मरीज कहां से

बताया जा रहा है कि 43 में से जो 15 लोग पॉजिटिव आए हैं, उनमें से छह हमीरपुर तहसील, तीन नादौन, पांच बड़सर और एक कोरोना संक्रमित भोरंज क्षेत्र से हैं। इनमें चार महिलाएं और 11 पुरुष हैं।

नौ बजे घर पहुंचे, पौने 11 बजे फिर उठाए

प्रशासन ने गलती से नादौन के भी तीन पॉजिटिव भेज दिए थे घर

नादौन – जिला हमीरपुर के जिन 15 संक्रमित पाए गए लोगों को लेकर हड़कंप मचा है, उनमें से तीन लोग नादौन क्षेत्र से थे। जैसे ही बुधवार रात जिला प्रशासन को अपनी भूल का एहसास हुआ, वैसे ही नादौन प्रशासन भी सतर्क हो गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि इन तीनों ही लोगों का सीधा संपर्क केवल घर पर रह रही दो महिलाओं से ही हुआ और तीनों को ही घरों में दो घंटे बिताने के बाद ही उन्हें दोबारा संगरोध के लिए ले जाया गया। इन तीनों में से दो पिता-पुत्र पन्याली गांव तथा एक व्यक्ति जानी जग्गियां गांव के हैं। पता चला है कि पिता रमेश व पुत्र डिंपल रात करीब नौ बजे अपने घर पहुंचे थे। उस समय घर पर डिंपल की माता ही थे। उन्हें करीब 10ः45 बजे रात को फिर से वापस ले जाया गया, जबकि जानी जग्गियां के प्रधान सिंह रात करीब 9ः30 बजे घर पहुंचे, उस समय उनकी पत्नी ही घर पर थी। उन्हें रात करीब 11ः30 बजे फिर से संगरोध के लिए ले जाया गया। प्रधान सिंह के बेटे, बहू और उनके दो बच्चे भी बड़ा क्षेत्र में संगरोध में हैं। ये सभी लोग गत 18 मई को मुंबई से आए थे। एसडीम विजय कुमार ने बताया कि तीनों ही व्यक्तियों को देर रात पूरी सुरक्षा सहित संगरोध के लिए ले जाया गया है।

एक चूक से संक्रमण का खतरा बढ़ा

बड़सर – उपमंडल बड़सर में बुधवार को मध्य रात्रि घटित हुए घटनाक्रम के बाद परेशान लोग प्रशासन पर सवालिया निशान उठा रहे हैं। पहले नेगेटिव रिपोर्ट बताकर यहां घर भेजे पांच लोगों को देर रात पॉजिटिव बताकर फिर से एंबुलेंस में इलाज के लिए ले जाया गया। जानकारी के मुताबिक नवोदय विद्यालय डूंगरी में बाहरी राज्यों से आए लोगों को इंस्टीच्यूशनल क्वारंटाइन किया गया था।  पहली दो रिपोर्ट्स नेगेटिव आने के बाद प्रशासन द्वारा उन्हें 27 मई शाम तक घर भेज दिया गया था, लेकिन  रात्रि को जिला हमीरपुर के 15 लोग फिर पॉजिटिव बता दिए गए। इसके बाद  उपमंडल बड़सर के पांच लोगों को लेने के लिए एंबुलेंस उनके घर पहुंच गई। बताया गया कि ये लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन लोगों में एक व्यक्ति बिझड़ी, एक पपलोहल, दो बरोटी व एक अन्य उपमंडल बड़सर से संबंधित पाया गया है। कोरोना काल में इस बड़ी चूक पर लोग प्रशासन को जमकर कोस रहे हैं। एसडीएम बड़सर प्रदीप कुमार का कहना है कि पीडि़त व्यक्तियों के परिवार वालों को होम क्वारंटाइन के सख्त निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है। वहीं सीएमओ हमीरपुर अर्चना सोनी का कहना है कि चूक कहां हुई है, इसका पता लगाया जा रहा है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

बिलासपुर शहर बना कंटेनमेंट जोन

बिलासपुर – एचआरटीसी के एक बस परिचालक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद बिलासपुर शहर समेत आसपास के कुछ हिस्सों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। बिलासपुर जिला में बुधवार रात कोरोना के सात नए मामले सामने आए हैं। इनमें से तीन स्वारघाट, जबकि तीन लोग कुठेड़ा स्कूल में संस्थागत क्वारंटाइन थे। वहीं, शहर से सटी बामटा पंचायत के एचआरटीसी के एक परिचालक को कहीं भी क्वारंटाइन नहीं किया गया था। फ्लू की शिकायत पर उसके सैंपल लिए गए थे, जो पॉजिटिव पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस परिचालक की ट्रैवल हिस्ट्री प्रदेश से बाहर की नहीं है। वह राजस्थान के कोटा से लाए गए कुछ विद्यार्थियों को सोलन छोड़ने गया था। इसके बाद शिमला, मंडी व कुल्लू में भी कुछ लोगों को छोड़ने गया था। हालांकि क्वारंटाइन नहीं किए जाने की वजह से वह कई जगह घूमता रहा। इस दौरान वह कई लोगों के संपर्क में भी आया। उधर, डीसी राजेश्वर गोयल ने बताया कि बामटा पंचायत के दनोह गांव में एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की वजह से इस पंचायत के दनोह, निहाल व कोसरियां गांवों तथा नगर परिषद क्षेत्र के एचआरटीसी कॉलोनी, वार्ड-1, गुरुद्वारा मार्केट, गांधी मार्केट व कॉलेज चैक मार्केट को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। वहीं, नगर परिषद के वार्ड-1 के बाकी बचे हिस्सों, रौड़ा वार्ड-3, कोसरियां वार्ड, निहाल, मेन मार्केटए चंगर सेक्टर व बिलासपुर आईटीआई तक के इलाके को बफर जोन घोषित किया गया है।


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