पुलवामा-2 की साजिश नाकाम, जंग-ए-बदर पर थी विस्फोटक लदी कार से हमले की प्लानिंग

By: May 29th, 2020 12:06 am

श्रीनगर  – जम्मू-कश्मीर में आतंकी एक बार फिर सुरक्षाबलों पर पुलवामा जैसे हमले की प्लानिंग कर रहे थे, लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने इस साजिश को नाकाम कर दिया। आतंकी एक कार में आईईडी लगाकर सुरक्षा बलों की 20 गाडि़यों को निशाना बनाने वाले थे, जिनमें सीआरपीएफ  के करीब 400 जवान होते। इसे सुरक्षा बलों ने इंटरसेप्ट किया और बाद में बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने कार को खाली जगह पर ले जाकर डिफ्यूज कर दिया। पहले इस हमले को करने की प्लानिंग जंग-ए-बदर के दिन की थी, लेकिन तब से अब तक पुलिस ने अपनी तरफ  से कोई सुरक्षा चूक नहीं होने दी, जिसकी वजह से आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए। इस हमले में तीन आतंकियों के शामिल होने का पुलिस ने दावा किया है। इसमें पहले आतंकी का नाम आदिल, दूसरे का फौजी भाई है। तीसरा कार का ड्राइवर था, जिसका पुलिस पता कर रही है। पुलवामा हमले की तरह इस मामले की जांच भी एनआईए को सौंप दी गई है। पुलिस को शक है कि जैश के निशाने पर सीआरपीएफ के 400 जवान थे। गुरुवार को सीआरपीएफ की 20 गाडि़यों का काफिला श्रीनगर से जम्मू पहुंचा है। पता चला है कि काफिला सुबह सात बजे बक्शी स्टेडियम कैंप से जम्मू के लिए निकलना था। इस काफिले में सभी रैंक के अफसर और जवान शामिल थे। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ईद से लगभग 10 दिन पहले जंग-ए-बदर के दिन आतंकवादी हमले की साजिश रच रहे थे। सुरक्षा बलों के पास उस दिन किसी बड़े आतंकी हमले का इनपुट था। सुरक्षा बल अलर्ट थे, इसलिए आतंकी उस दिन हमला नहीं कर सके। सर्च ऑपरेशन भी जारी था। आईजी कश्मीर विजय कुमार के मुताबिक, पुलिस ने गुप्त सूचना मिलने पर एक नाका लगाया। बुधवार रात को आतंकी जब विस्फाटकों से भरी कार लेकर निकला, तो उसे पुलिस ने नाके पर रोका। आतंकी ने गाड़ी नहीं रोकी तो पुलिस ने फायरिंग की, लेकिन आतंकी कार लेकर भाग गया। फिर एक दूसरे नाके पर इस कार को रोका गया। आतंकी दोबारा नहीं रुका तो पुलिस ने फायरिंग की। इस बार आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर कार को छोड़कर भाग गया। पुलिस ने दूर से ही कार को देखा और संदिग्ध नजर आने पर इलाके की घेराबंदी कर बम स्क्वॉड को बुला लिया। सुबह जब बम स्क्वाड पहुंचा तो उन्हें कार के अंदर विस्फोटक मिले। नीले रंग के एक ड्रम में विस्फोटक रखे थे। बम स्क्वॉड ने विस्फोटक को कार समेत एक खाली जगह पर ले जाकर कंट्रोल्ड ब्लास्ट कर उड़ा दिया। बुधवार की इस घटना में भी 2019 में पुलवामा में हुए हमले की तर्ज पर विस्फोट को अंजाम देने की साजिश थी। उस हमले में 40 सीआरपीएफ  जवान शहीद हुए थे। हमले में विस्फोटक से भरी गाड़ी को जैश का आतंकी आदिल डार चला रहा था। जांच के मुताबिक नाइट्रिक सॉल्ट, अमोनियम नाइट्रेट और नाइट्रो ग्लीसरीन का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने के लिए किया गया था। पहले अनुमान लगाया गया था कि कार में 20 से 25 किलो विस्फोटक होगा, लेकिन जब कार में विस्फोट हुआ तो उसका मलबा उड़कर 50 मीटर ऊपर तक गया। बम डिफ्यूज करने वाले एक्सपर्ट के मुताबिक कार में कम से कम 40 से 50 किलो विस्फोटक रखा था।

क्या है जंग-ए-बदर

रमजान के 17वें रोजे को जंग-ए-बदर के नाम से जाना जाता है। इसी दिन इस्लाम के लिए पहली जंग लड़ी गई थी। जंग-ए-बदर 624 ई. में मदीना में लड़ी गई थी। कहा जाता है कि लड़ाई में एक तरफ  मक्का के कुरैश कबिले के तकरीबन 1000 बड़े-बड़े योद्धा शामिल थे और दूसरी तरफ  थे पैगंबर और उनके 313 साथी। इनमें से ज्यादातर ने पहले कभी जंग नहीं लड़ी थी। अरब क्षेत्र में यह लड़ाई बुराई के खिलाफ  हुई बताई जाती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसी दिन आतंकी कई बार हमलों को अंजाम देने के लिए चुन चुके हैं।


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