फाइनल! हिमाचल में पहली जून से 60% सवारियों के साथ दौड़ेंगी बसें

By: May 30th, 2020 12:06 am

शिमला – पहली जून से राज्य में 60 फीसदी क्षमता के साथ बसों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। सरकार के निर्देशों पर परिवहन विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है। शुक्रवार शाम को जारी हुई गाइडलाइन के अनुसार परिवहन सेवा सुबह सात से शाम सात बजे तक होगी। सभी जिलों के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक हर बस अड्डे पर पुलिस की व्यापक तैनाती को सुनिश्चित बनाएंगे। एसी बसों के अलावा शेष दूसरी सभी बसें निर्धारित रूटों पर चलेंगी। बसों में सामाजिक दूरी को सुनिश्चित बनाने के लिए 60 फीसदी क्षमता पर बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। हर यात्री को मास्क लगाना जरूरी होगा, वहीं ड्राइवर-कंडक्टर व यात्री फ्लू जेसे लक्षणों को लेकर खुद ही सचेत रहेंगे। यदि किसी को ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में इसकी जानकारी देनी जरूरी होगी। बस चलाए जाने से पहले उसे पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा, वहीं रात को भी बसों को सेनेटाइज किया जाएगा, जब वह यात्रियों को छोड़कर लौटेगी। ड्राइवर व कंडक्टर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सभी निर्देशों पर अमल करना होगा। यात्रा के दौरान बस में कोई भी सवारी खड़ी नहीं होनी चाहिए। राज्य के भीतर आवाजाही के लिए ई-पास की जरूरत नहीं होगी, जबकि इंटर स्टेट में पहले ही डीएम से मंजूरी लिए जाने का प्रावधान है। ग्राम पंचायतों व नगर निगमों को बसों के संचालन में अपना सहयोग देने को कहा गया है। जिला प्रशासन तय करेगा कि बस अड्डों में एंट्री व एग्जिट कहां से होगा। स्वास्थ्य एवं पुलिस महकमा यहां स्वास्थ्य जांच, स्क्रीनिंग व कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित बनाएंगे। यहां आरोग्य सेतु ऐप को भी चैक किया जाएगा। आरोग्य सेतु ऐप में रेड स्टेटस के व्यक्ति को बस यात्रा के लिए मंजूरी नहीं होगी।

यात्री पहने रखेंगे मास्क, सेनेटाइजर होगा साथ

बस में यात्री मास्क पहने रखेंगे, वहीं हैंडवॉश व सेनेटाइजर भी साथ रखने होंगे। जिन सीटों पर लिखा होगा कि ये खाली रहेंगी, उनका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। एक-दूसरे से दूरी बनाए रखना जरूरी होगा और किसी भी बीमार व्यक्ति के बारे में सूचित करना होगा। साथ में बैठा व्यक्ति सूचित करेगा।

बस अड्डों के लिए ये प्रोटोकॉल

पैसेंजर बस अड्डे पर सिंगल एंट्री में ही प्रवेश करेंगे। बस अड्डों में हर टायलट को समय-समय पर नियमित रूप से सेनेटाइज किया जाएगा। एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक सुनिश्चित करेंगे कि वहां मास्क का पूरा प्रबंध हो, हैंड सेनेटाइजर हों व साबुन हों। बस अड्डे पर बिक्री के लिए यह सामान उपलब्ध होना चाहिए। इसके मूल्य दर्शाना जरूरी होगा। हर बस अड्डे में पब्लिक अनाउंसमेंट का प्रावधान होगा, वहीं एक गज की दूरी यहां बनाए रखना जरूरी होगा। बस अड्डों पर कतार लगानी जरूरी होगी, जो कि सामाजिक दूरी के नियम में होगी। कोई भी बिना मास्क के बस अड्डे में प्रवेश नहीं कर पाएगा। कैश काउंटर पर बैठे कर्मचारियों को सुरक्षा दी जाएगी।

ड्राइवर-कंडक्टर भी रखें ध्यान

कंडक्टर मास्क लगाए होंगे या फेस शील्ड लगाकर पूरा सफर तय करेंगे। उसे यात्रियों को जागरूक करना होगा और यात्रा के  नियमों के बारे में बताएगा। प्रॉपर वेंटिलेशन करवाना उसका अधिकार होगा। वहीं, चालकों के लिए बसों में अलग से फेब्रिकेटिड कैबिन हो, इसे सुनिश्चित बनाने को कहा गया है। प्राइवेट ऑपरेटर्स को भी यह करना होगा। उसके पास भी मास्क व सेनेटाइजर होना जरूरी है। डिजास्टर मैनेजमेंट के अनुसार ये निर्देश दिए गए हैं।

फिज़ूल यात्रा न करें

सरकार ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें। यदि आवश्यक हो तो ही यात्रा करें। वरिष्ठ नागरिक, गर्भवतियां, दस वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं गंभीर बीमारी से त्रस्त लोग यात्रा न करें। नियमों का पालन कर लोग खुद को सुरक्षित रखें।

खुली रहेंगी खिड़कियां

बसों में चढ़ना व उतरना अगले दरवाजे से होगा, कुछ सीटों पर नॉट टू बी यूज्ड का स्टीकर लगा होगा, तीन सीटों में केवल दो ही लोग बैठेंगे, जिसमें बीच की सीट खाली रहेगी, वहीं दो सीटों की तरफ केवल एक ही व्यक्ति खिड़की की ओर बैठ सकेगा। कंडक्टर टिकट देते समय किसी को नहीं छुएगा। यात्रा के समय खिड़कियां खुली रहेंगी, वहीं तय ठहराव में ही बसें रुकेंगी। कंटेनमेंट ज़ोन में यात्रियों व चढ़ाना व उतारना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। संबंधित ढाबों पर पूरी साफ-सफाई सुनिश्चित बनाई जाएगी और वहीं बसें रुक सकेंगी।


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