बंदर मारने को एक साल की अनुमति

By: May 30th, 2020 12:15 am

सरकार ने दिए आदेश, सरकारी और वन विभाग की भूमि पर रहेगी मनाही

मंडी-केंद्र सरकार ने प्रदेश में रीसस मकाक प्रजाति के बंदरों को मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए प्रदेश की उन तहसीलों व उपतहसीलों का चयन किया गया है। जहां पर बंदरों का सबसे अधिक आतंक व नुकसान रहता है। रसीस मकाक बंदरों को सरकारी व वन भूमि में मारने की अनुमति नहीं दी गई है। यह अनुमति केवल निर्धारित तहसीलों में निजी भूमि में बंदरों के नुकसान करने पर होगी। यह अनुमति एक वर्ष तक के लिए रहेगी। इस बाबत डीएफओ मंडी एसएस कश्यप ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 91 तहसीलों में रसीस मकाक बंदरों को पीड़क जंतु घोषित किया गया है। मंडी जिला की 10 तहसीलों में रसीस मकाक बंदरों को पीड़क जंतु (वर्मिन) घोषित किया गया है। इसे लेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है। उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने वनों से बाहर के क्षेत्रों में रीसस मकाक (मकाका मुलाटा) बंदरों की अत्यधिक संख्या के कारण बड़े पैमाने पर खेती के विनाश होने सहित जीवन व संपत्ति की हानि की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी। उसके आधार पर केंद्रीय मंत्रालय ने यह अधिसूचना जारी की है। इनमें मंडी जिला की 10 तहसीलें भी शामिल हैं। इनमें मंडी, चच्योट, थुनाग, करसोग, जोगिंद्रनगर, पधर, लड़भड़ोल, सरकाघाट, धर्मपुर और सुंदरनगर को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त 10 तहसीलों में निजी भूमि में नुकसान करने पर रसीस मकाक बंदरों को मारा जा सकता है। उसके तुरंत बाद इस बारे नजदीक के वन अधिकारी-कर्मचारी को जानकारी देनी होगी। वहीं डीएफओ मंडी एसएस कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बंदरों को वर्मिन घोषित कर मारने की अनुमति दे दी है। लोग सरकारी व वन विभाग की भूमि पर बंदरों को नहीं मार सकते हैं। निजी भूमि पर नुकसान करने वाले क्षेत्र में बंदरों को मारने की अनुमित दी गई। उक्त अनुमित की अवधि एक वर्ष तक रहेगी।

कुल्लू में पांच तहसीलें-उपतहसीलें सिलेक्ट

प्रदेश के तहसीलों और उपतहसीलों में चयनित क्षेत्रों में बंदरों को मारने की अनुमति दी गई है। इसमें मंडी जिला में 10, चंबा में छह, कांगड़ा में 15, बिलासपुर में छह, ऊना में पांच, शिमला में 16, सिरमौर में 10, सोलन में आठ, कुल्लू मेें छह, हमीरपुर में छह और कुल्लू में पांच तहसीलों एवं उप-तहसीलों का चयन किया गया है।


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