बीआरओ के पास ही रहे काजा-सुमदो सड़क

By: May 29th, 2020 12:05 am

स्पीति के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप रखी मांग

केलांग – सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सुमदो-ग्रांफू सड़क पीडब्ल्यूडी को न देने को लेकर स्पीति घाटी की जनता एकजुट हो गई है। कांग्रेस के बाद अब भाजपा के पदाधिकारियों व पंचायत प्रतिनिधियों ने सुमदो-ग्रांफू सड़क को बीआरओ के ही अधीन रहने की पैरवी की है। भाजपा सहित पंचायत के इन प्रतिनिधियों ने मुख्य्मंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर सुमदो-काजा मार्ग बीआरओ से वापस न लेने का आग्रह किया है। लाहुल-स्पीति भाजपा के अध्यक्ष राजेंद्र बौद्ध, टीएसी सदस्य पलजोर बौद्ध,  टीएसी सदस्य लोवजंग गयल्सन सहित 13 पंचायतों के प्रधानों काजा, शगनम, ताबो, ग्यूह, लोसर, डेमूल, कुंगरी, हल, खुरिक, लालुंग, ढंखर, किब्बर के प्रधानों व काजा ब्लॉक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है की इस सड़क की सामरिक महत्ता को देखते हुए बीआरओ से हटाकर पीडब्ल्यूडी को न दिया जाए। उनका कहना है कि यह सड़क कभी पीडब्ल्यूडी को तो कभी बीआरओ के अधीन की जाती रही है। ऐसे में सड़क की हालत दिन-प्रतिदिन खस्ताहोती रही। लिहाजा सड़क पर सफर करने वालों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। सड़क के महत्त्व को देखते हुए स्पीति के लोगों का आग्रह है कि इस सड़क को पीडब्ल्यूडी को न देकर बीआरओ के अधीन ही रहने दिया जाए। उन्होंने कहा कि पहले भी यह सड़क पीडब्ल्यूडी के अधीन ही रही है। सालों से हालत न सुधरती देख इसे पीडब्ल्यूडी से हटाकर बीआरओ को दे दिया था। बीआरओ के अधीन होते ही काम में तेजी आने लगी थी। बीआरओ ने इस सड़क की हालत सुधारने को लेकर डीपीआर भी तैयार कर ली है, लेकिन अब फिर से सड़क बीआरओ से हटाकर पीडब्ल्यूडी को देना तर्क संगत नहीं है।

सड़क की महत्ता को समझे सरकार

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थानीय विधायक एवं कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय भी भारत सरकार से इस सड़क को बीआरओ से न हटाने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह सड़क पीडब्ल्यूडी को दी जाती है तो फिर से डीपीआर व तैयारी में पांच साल ओर बीत जाएंगे। इस लिए आप आग्रह है कि स्पीति घाटी के लोगों की भलाई के लिए इस सड़क को बीआरओ के पास ही रहने दिया जाए। स्पीतिवासियों ने उम्मीद जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चीन सीमा के साथ सटी इस सड़क की महत्ता को देखते हुए बीआरओ के ही अधीन रहने देंगे।


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