बेरहम मौसम ने छीन ली छत

सुन्नी-शिमला ग्रामीण के विकास खंड बसंतपुर की ग्राम पंचायत मझिवड़ में गरीब परिवार से संबंधित मेहर चंद अपने बच्चों के साथ स्कूल के कमरों में दिन गुजार रहा है। गुरुवार को आई भयंकर बारिश एवं तूफान से बैरटी गांव में रहने वाले मेहर चंद के पुराने मकान की छत उड़ने एवं कमरों को क्षति पहुंचने से गरीब परिवार अपने ही गांव में शरणार्थी बन कर रह गया है। मेहनत मजदूरी करके दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले मेहर चंद की आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लंबे लॉकडाउन से ठीक नहीं थी। ऊपर से प्रकृति ने बेघर करके गरीब परिवार की कमर ही तोड़ दी। हालांकि पंचायत प्रधान प्रेम प्रकाश ने पीडि़त परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। जिसके लिए प्रधान ने पंचायत से फौरी राहत के तौर पर पांच हजार रुपए एवं मनरेगा से संभावित सहायता का भी आश्वासन दिया है। दूसरी ओर प्रशासन की ओर से फौरी राहत के तौर पर दस हजार के अलावा दो कंबल एवं एक तिरपाल प्रदान किया है। तहसीलदार सुन्नी देवपाल चौहान ने बताया कि पीडि़त को फौरी राहत प्रदान की गई है। साथ ही प्रभावित को हुए नुकसान का आकलन किया गया है जिसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को शीघ्र भेज दी जाएगी।