भाजपा अध्यक्ष के लिए दो और दावेदार

By: May 31st, 2020 1:32 am

 विपिन सिंह परमार और राकेश पठानिया का जुड़ा लिस्ट में नाम, कुल्लू से राम सिंह भी चर्चा में

शिमला-भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की दावेदारी में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार और नुरपूर के विधायक राकेश पठानिया का नाम भी जुड़ गया है। इसके अलावा संगठनात्मक तथा जातीय समीकरण के आधार पर आरएसएस की तरफ से कुल्लू भाजपा नेता राम सिंह का नाम चर्चा में आ गया है।  यही नहीं, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल के नाम की पैरवी की है। इस कारण भाजपा के वर्किंग प्रेजीडेंट की ताजपोशी का मामला रोचक हो गया है। हालांकि चौतरफा नजर दौड़ाने के बाद सभी की निगाहें कांगड़ा जिला पर आकर टिक रही हैं। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से कैबिनेट में सरवीण चौधरी के रूप में एकमात्र मंत्री हैं। इस कारण राजनीतिक दृष्टि से इस जिला से दो और कैबिनेट मंत्री या पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की ताजपोशी समय की मांग है।

 इसके लिए भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर और राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी बेहतर विकल्प माने जा रहे हैं। हालांकि जातीय समीकरण में दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए रामस्वरूप पार्टी के लिए बेहतर विकल्प बताए जा रहे हैं। संगठन का अनुभव और मुख्यमंत्री की करीबियां उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार बना रही हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री के जिला का क्षेत्रीय संतुलन उनकी दावेदारी के संतुलन को बिगाड़ रहा है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा जातीय समीकरणों की पटकथा पर स्टीक बैठते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल भी इसके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। दोनों ही नेता बिलासपुर जिला से आते हैं और यहां से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हैं। इस कारण राज्य व केंद्र की कमान एक ही जिला को मिलने से सियासी पारा कितना चढ़ता है, इस पर नजरें टिकी हैं। बहरहाल केंद्रीय हाइकमान ऐसे प्रदेशाध्यक्ष की ताजपोशी चाहता है जो सरकार व संगठन के बीच तालमेल बनाकर काम कर सके। इसी कारण केंद्रीय हाईकमान ने वर्किंग प्रेजिडेंट के लिए मुख्यमंत्री की पसंद को तरजीह देने का मन बनाया है। सुंदरनगर के युवा विधायक राकेश जम्वाल की पृष्ठभूमि और मुख्यमंत्री की वफादारी ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की रेस में मजबूती से शामिल कर दिया है।  उनके लिए भी क्षेत्रीय संतुलन बाधा बन सकता है।

पार्टी में अतर्कलह शुरू

भाजपा संगठन के एक नेता की वजह से पार्टी में अंतर्कल्ह शुरू हो गई है। खासकर मोर्चों और प्रकोष्ठों की ताजपोशी के बाद कई मंत्री व विधायक मुखर होने लगे हैं। जयराम सरकार ने पहले ही दिन से विवादों में रहे संगठन के इस नेता पर तोड़फोड के आरोप भी लग रहे हैं। इसके चलते मुख्यमंत्री से कई मंत्री-विधायकों ने संगठन के इस नेता के खिलाफ शिकायत की है। इसके अलावा केंद्रीय हाइकमान से भी यह मामला उठाए जाने की तैयारी चल रही है।


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