मंडी के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता होगी मजबूत

आयुर्वेद विभाग ने शुरू किया आर्सेनिकम एल्बम 30 दवा के वितरण का अभियान 

मंडी-मंडी जिला में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी के लिए आयुर्वेद विभाग ने होम्योपैथिक ‘इम्यूनिटी बूस्टर’ दवा-आर्सेनिकम एल्बम 30 के वितरण का अभियान शुरू किया है। उपायुक्त ऋ गवेद ठाकुर ने शुक्त्रवार को इस अभियान की शुरूआत की। इस मौके उपनिदेशक, आयुर्वेद, मंडी जोन, डा. तेजस्वी विजय आजाद और वरिष्ठ हो योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डा. आशुतोष भारद्वाज उपस्थित रहे। इस दौरान डॉ. तेजस्वी विजय आजाद ने उपायुक्त को इस अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत पहले चरण में कोरोना योद्धाओं में से सब से संवेदनशील समूह यानि शहरी नगर निकायों में काम करने वाले सभी सफाई कर्मियों एवं पर्यवेक्षकों तथा उनके परिवारों को यह दवा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला मंडी के समस्त शहरी निकायों के कार्यकारी अधिकारियों व सचिवों को दवा की 5000 बोतलें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। एक बोतल में पूरे परिवार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा विभाग के अंतर्गत चलने वाले सभी हो योपैथिक स्वास्थ्य केंदों में भी आम नागरिकों के लिए यह दवा उपलब्ध होगी। डा. तेजस्वी विजय आजाद ने कहा कि कि यह अभियान का प्रथम चरण है। इसके उपरान्त विभागीय निर्देशानुरूप प्रथम पंक्ति के अन्य कोरोना योद्धाओं को, आशा कार्यकर्ताओं, पुलिस के जवान, जिला प्रशासन के कर्मचारी और पत्रकार, इन सभी को यह दवा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे। डा. तेजस्वी विजय आजाद ने कहा कि विभाग इस बाबत डाटा एकत्र कर रहा है कि रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाने की यह दवा लोगों के लिए कितनी कारगर रही और इसका क्या प्रभाव रहा। इस संबंध में सभी नगर निकायों के प्रभारियों को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दिशा निर्देशों के अनुरूप कोविड 19 के विरुद्ध जारी लड़ाई में लोगों की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाने के अभियान में आयुर्वेद विभाग का यह एक और महत्त्वपूर्ण कदम है। इससे पहले हिमाचल सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुरूप प्रदेशवासियों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष पद्धतियों को प्रयोग करते हुए विभिन्न कदम उठाए हैं।

ऐसे करें आर्सेनिकम एल्बम 30 का इस्तेमाल

वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी मंडी डा. आशुतोष भारद्वाज ने बताया कि इस दवा की छह गोलियां सुबह खाली पेट एक बार रोज तीन दिन तक लेनी हैं। दवा को जीभ पर रख कर बिना पानी के चूसना है। चार वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए मात्रा चार गोलियां ही पर्याप्त होंगी। एक महीने के उपरांत चिकित्सक से परामर्श के बाद इस दवा का दोबारा सेवन किया जा सकता है। इस दवा को अपनी अन्य नियमित दवाओं के साथ ले सकते हैं। गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान करने वाली माताओं के लिए भी यह दवा सुरक्षित है। इस दवा का कोई ‘साइडइफैक्ट’ नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि यह दवा कोरोना का इलाज नहीं है। यह दवा शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है।