मजदूरों से बारह घंटे काम करवाना सही नहीं

By: May 14th, 2020 12:12 am

रिकांगपिओ-सीटू किन्नौर इकाई ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर बारह घंटे करने के निर्णय की कड़ी निंदा की है। सीटू ने इसे मजदूरों के अधिकारों पर कठोर प्रहार करने वाला कदम बताया है। सीटू ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि वह पूंजीपतियों व उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूर विरोधी नीतियां बनाना बंद करे अन्यथा वह  मजदूर आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे। सीटू के जिला अध्यक्ष दिनेश नेगी व महासचिव मदन नेगी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा काम के घंटों को आठ से बारह घंटे करने के खिलाफ  पूरे प्रदेश में 14 मई को मजदूर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी व लॉकडाउन के दौर में मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित व पीडि़त हैं। ऐसे समय में प्रदेश की भाजपा सरकार का यह मजदूर विरोधी कदम पूरी तरह से मानवता विरोधी है। उन्होंने कहा है कि यह सरकार पूरी तरह से मजदूरों के खिलाफ  कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने फैक्ट्रीज एक्ट 1948 की धारा 51 धारा 54 धारा 55 व धारा 56 में बदलाव करके साप्ताहिक व दैनिक काम के घंटों, विश्राम की अवधि व स्प्रैड आवर्ज में बदलाव कर दिया है। काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर बारह घंटे करने के मजदूर विरोधी कदम ने इस सरकार की मजदूर विरोधी पोल खोल कर रख दी है।


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