सीएम ने मांगा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, मुख्यमंत्री ने पालमपुर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए मांगा नया दर्जा

शिमला – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित करने की मांग की है, ताकि समूचे उत्तरी पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को इसका लाभ मिल सके। इस संदर्भ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेेंद्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्ष 1993 में मणिपुर के इम्फाल में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था और उत्तरी पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के छह राज्यों के महाविद्यालयों को इसके साथ जोड़ा गया था। वर्ष 2014 में केंद्र सरकार ने बिहार के पूसा में एक और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय खोलने की योजना बनाई। जयराम ठाकुर ने कहा कि उत्तरी पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 3.1 करोड़ की जनसंख्या वास करती है और कुल 3,31,993 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, केंद्र शासित राज्य तथा हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड राज्य फैले हैं। यह पूरा क्षेत्र जैव विविधता में समृद्ध है और इसमें प्राकृतिक संसाधन जैसे खनिज, पानी और वन की प्रचूरता होने के कारण यह क्षेत्र विभिन्न फसलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर केंद्र स्थल में स्थापित है और हवाई जहाज, रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इससे संस्थान में पर्याप्त अधोसंरचना उपलब्ध है। इसका परिसर 615 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और इसके साथ कृषि, पशु औषधालय एवं पशु विज्ञान, सामुदायिक विज्ञान जैसे महाविद्यालय संबंद्ध है तथा 12 क्षेत्रीय शोध स्टेशन, सब-स्टेशन, 8 कृषि विस्तार केंद्र का नेटवर्क भी जुड़ा हुआ है। जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार राज्य सरकार की इस मांग को मान लेती है तो दोनों को लाभ होगा, क्योंकि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए न्यूनतम संसाधनों और लागत की आवश्यकता पड़ेगी। यह केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा कृषि विश्वविद्यालय बनकर उभर सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र को यहां वर्तमान अधोसंरचना श्रमशक्ति का लाभ मिलेगा।