हिमाचल में सेब सीजन सिर पर, इस बार दो करोड़ पेटी का अनुमान, पर हजारों मजदूर कर चुके नेपाल का रुख

हिमाचल में लेबर संकट,बागबानों पर बड़ी मार पड़ने की आशंकाजयराम सरकार का दावा, 20 हजार नेपाली संपर्क में

हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सेब सीजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। जयराम ने पीएम को बताया था कि इस बार आने वाले सेब सीजन में हिमाचल में दो करोड़ सेब पेटी का अनुमान है। …लेकिन यहीं से सवाल खड़ा हुआ कि आखिर पांच हजार करोड़ की आर्थिकी वाले सेब सीजन को आखिर लेबर कहां से मिलेगी। सेब सीजन के लिए स्पेशल लेबर चाहिए होती है यानी नेपाली मजदूर।  इस बार कोरोना में लॉकडाउन के बाद कई नेपाली मजदूर घर लौट गए हैं। इसी बीच नेपाल से ज्यादातर मजदूर नहीं आए हैं। ऐसे में सैकड़ों बागबानों चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं। हाल ही के दिनों में नेपाल और भारत के संबंधों में खटास आई है,माना जा रहा है कि यह भी एक कारण है कि नेपाली मजदूर कम ही हिमाचल आ रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर दूसरे राज्यों के मजदूर क्या सेब तुड़ान कर पाएंगे, क्या वे ढुलाई में नेपालियों जितने एक्सपर्ट हैें। क्या वे लोडिंग कर सकते हैं। बहरहाल नेपाल ने कोविड के खतरे के चलते सीमाओं पर सख्ती बढ़ाई है। ऐसे में आने वाले समय में सेब पर बड़ा संकट आ सकता है।

और भी हैं बड़े काम

ऊपरी क्षेत्रो में कृषि और बागबानी का दारमदार नेपाली मजदूरो पर ही निर्भर है। पहाडी क्षेत्रों मे खेत खोदने, सेब के तौलिये करने, गोबर डालने, सेब तोडान, पेटी का ढोलान, लोडिंग करने सहित सडक से घरो तक राशन या अन्य निर्माण सामग्री लाने का काम नेपाली मजदूर ही पूरा करते है।

20 हजार से संपर्क

दूसरी ओर प्रदेश की जयराम सरकार का दावा है कि अभी 20 हजार नेपाली मजदूर उसके संपर्क में हैं। इसके अलावा काफी सारे मजदूर हिमाचल से नेपाल नहीं गए हैं। ये वे मजदूर हैं,जो यहां अच्छे से एडजस्ट हैं। सरकार को उम्मीद है कि मजदूरों को समय पर पहुंचा दिया जाएगा।