कलवारी-पलाहच पेयजल योजना कब होगी पूरी

बंजार   – अपना विधायक बनने के बावजूद बंजार घाटी में दशकों से चल रहे अनेक निर्माण कार्य आज भी अधर में लटके हुए हैं वहीं, बंजार के अधिकारी मुख्यमंत्री द्वारा चलाए गए जनमंच में उठाई गईं जन समस्याओं के एक वर्ष बाद भी निपटारा करने में  असफल साबित हुए हैं, जिसका ताजा उदाहरण है जिला परिषद वार्ड पलाहच के अंतर्गत वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंगलौर स्कूल भवन के निर्माण और 27 वर्ष पूर्व सूखाग्रस्त घोषित हो चुकी ग्राम पंचायत पलाहच के 3500 ग्रामीणों के  जल संकट दूर करने की बात हो। बताते चलें कि पिछले अढ़ाई दशक से पीने के पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसते ग्राम पंचायत पलहाच के 3500  ग्रामीणों की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। भले ही प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1993 में पलाहच पंचायत को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। हालांकि मंडी संसदीय क्षेत्र की पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने पलाहच पंचायत को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए कलवारी-पलाहच पेयजल योजना के लिए डेढ़ करोड़ के बजट का प्रावधान करके इस योजना का निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया था, लेकिन आईपीएच विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते दशकों बाद भी कलवारी पलाहच पेयजल योजना का निर्माण कार्य  आज भी पूर्ण नहीं हो सका । मुख्यमंत्री द्वारा लोगों की जन समस्याओं के निपटारे हेतु शुरू किए गए सरकार के महत्त्वाकांक्षी जनमंच कार्यक्रम में भी पलाहच पंचायत के बाशिंदों की पेयजल किल्लत की समस्याओं को प्रमुखता से मंगलौर में उठाया जा चुका है, लेकिन आश्वासन के सिवाय  विभाग इस दिशा में आज तक कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं ला सका जो दुर्भाग्यपूर्ण है। पंचायत समिति बंजार के पूर्व उपाध्यक्ष एवं पलाहच वार्ड के पूर्व बीडीसी सदस्य अजीत राठौर ने इसके लिए स्थानीय नेतृत्व को दोषी ठहराते हुए कहा कि स्थानीय विधायक ने कभी भी लोक निर्माण और आईपीएच विभाग के पुराने कार्यों की समीक्षा नहीं की, जिसके कारण बंजार घाटी के अधिकतर पुराने विकास कार्य आज भी अधर में लटके हैं । उन्होंने बताया कि शीघ्र ही बंजार के अधर में लटके पुराने विकास कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए जन जागरण अभियान शुरू किया जाएगा । इस दौरान अगर आंदोलन करना पड़े धरने पर बैठना पड़े जनता के लिए सब कुछ करने को हम तैयार हैं यह क्रम 29 जून से शुरू किया जाएगा।

क्या कहते हैं अधिकारी

उधर,  आईपीएच विभाग के सहायक अभियंता जसविंदर सिंह ठाकुर का कहना है कि इस परियोजना में दो पावर हाउस भी बन चुके हैं और कार्य में जो देरी हो रही है वह ठेकेदार की कमी है। कुछ स्थानों में पाइपें भी बिछानी  हैं फिर भी जल्दी से पेयजल योजना को तैयार किया जाएगा।