ग्रांफू-सुमदो सड़क पर विरोध तेज

By: Jun 5th, 2020 12:20 am

केलांग – ग्रांफू-सुमदो सड़क को लेकर मचा वबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस ने इस मुददे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर डाली है, वहीं अब बीआरओ के अधीन काम करने वाले मजदूरों ने भूख-हड़ताल करने का निर्णय लिया है। गुरुवार को ग्रांफू-सुमदो सड़क लेबर कमेटी ने इस संबंध में एडीसी काजा को एक ज्ञापन सौंप यह मांग की है कि ग्रांफू-सुमदो सड़क को बीआरओ के पास ही रखा जाए। कमेटी के सदस्यों ने कहा कि उनकी मांग अगर नहीं मानी गई तो वे भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे। कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि वर्ष 2014 में ग्रांफू-सुमदो सड़क को नेशनल हाई-वे का दर्जा दिया गया था और तभी से इस सड़क की देखरेख बीआरओ कर रहा था। ऐसे में सरकार द्वारा अब यह निर्णय लिया गया है कि उक्त सड़क की देखरेख पीडब्ल्यूडी करेगा। लिहाजा जहां एक तरफ स्पीति के स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं अब बीआरओ के अधिन काम करने वाले मजदूरों ने भी सरकार को आंदोलन की चेतावनी दे डाली है। ग्रांफू-सुमदो सड़क लेबर कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम व उपाध्यक्ष नोरबू का कहना है कि छह जून को इस संबंध में काजा में एक विरोध प्रदर्शन मजदूर करेंगे, जिससे लेकर गुरुवार को एडीसी काजा को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि सड़क को बीआरओ से लेकर पीडब्ल्यूडी को सौंपना तर्क संगत नहीं है। सरकार के इस निर्णय से जहां सैंकड़ों मजदूरों को रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा, वहीं अगामी समय में स्पीति के पर्यटन करोबार पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में स्पीति के ग्रांफू-सुमदो सड़क को बीआरओ से लेकर पीडब्ल्यूडी के हवाले करने की एक अधिसूचना जारी की है।

स्पीति के लोगों की मांग का समर्थन

लाहुल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि ग्रांफू-सुमदो सड़क को लेकर कांग्रेस ने भी महामहिम राज्यपाल से यह आग्रह किया है कि इस सड़क की देख रेख की जिम्मेदारी बीआरओ को ही सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि लाहुल-स्पीति कांग्रेस भी स्पीति के लोगों के साथ खड़ी है और सरकार से यह मांग कर रही है कि उक्त सड़क को पीडब्ल्यूडी को सौंपने के फैंसले को वापस लिया जाए।


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