घर में पढ़ना सेफ…स्कूल खोलने में करेें वेट

कोरोना काल के चलते स्कूल बंद पड़े है, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी है, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई भी कहीं न कहीं बाधित हो रही है। ऐसे में अभिभावकों सहित शिक्षकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सरकार ने भी  अब स्कूलों में शिक्षकों को बुलाने का फैसला ले लिया है, लेकिन बच्चों को कब बुलाया जाएगा, इसे लेकर अभी विचार किया जा रहा है। वहीं, स्कूल खुलने को लेकर अभी अभिभावक भी तैयार नहीं दिख रहे हैं।  प्रदेश के अग्रणी समाचार पत्र ‘दिव्य हिमाचल’ ने स्कूल खुलने को लेकर अभिभावकों के विचार जानने चाहे, तो उन्होंने कुछ युं रखी अपने मन की बात…

ऑनलाइन पढ़ाई करना हुआ मुश्किल

हिंदी भाषा शिक्षिका मंजूला वर्मा का कहना है कि अभी हिमाचल में स्कूल नहीं खुलने चाहिए। जहां ऑनालाइन स्टडी करवाने की सुविधाएं हैं, वहां ऑनलाइन असाइनमेंट और नोटस से पढ़ाई का माध्यम सरल बना सकते हैं।

सरकार छोड़ दे स्कूल खालने का विचार

प्रवीण ठाकुर का कहना है कि प्रदेश में अभी तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए। शिक्षक ब्लैकबोर्ड को लाइव करके बच्चों को पढ़ा सकता है। छोटे बच्चों में असावधानियां बरतने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

स्कूल खोलने में जल्दी नहीं करनी चाहिए

हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष विशाल ठाकुर का कहना है कि जब तक वैक्सीन न आ जाए, प्रदेश में स्कूल नहीं खुलने चाहिए। स्कूलों में आकर ऑनलाइन पढ़ाना सही तरीका नहीं है।

बच्चों को घर में ही पढ़ाई करवाना सही

रविंद्र राणा का कहना है कि अभी कम से कम कोरोना की स्थिति सामान्य होने तक नहीं खोलने चाहिए। शिक्षक बच्चों को नोटस बनाकर पढ़ा सकते हैं। स्कूलों में कोरोना की शर्तें लागू नहीं हो सकती है।

ऑनलाइन पढ़ाई से रह सकते है सेफ

ग्राम पंचायत अरठीं के उपप्रधान महेंद्र ठाकुर का कहना है कि  शिक्षक स्कूल में आकर छात्रों को नई शिक्षा की तकनीक को अपना करके ऑनलाइन पढ़ा सकते हैं। स्कूलों में कोरोना की शर्तें लागू नहीं हो सकती हैं। छोटे बच्चों में असावधानियां बरतने का ज्यादा खतरा रहता है।

ऑनलाइन पढ़ाई से रह सकते है सेफ

कपूर मेडिकल स्टोर संचालक एवं पूर्व पार्षद गोपाल कपूर का कहना है कि परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं, जिसके चलते स्कूल नहीं खुलने चाहिएं। शिक्षक स्कूल में आकर भी पढ़ाना संभव नहीं है। अभिभावकों के पास भी फोन नए तकनीक के सिस्टम के तहत नहीं है। ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना भी पूरी तरह से संभवत नहीं हैं। स्कूलों में कोरोना की शर्तें लागू नहीं हो सकती हैं।