टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए बने प्लान

 हिमाचल हास्पिटेलिटी एंड टूरिज्म एसोसिएशन ने ऑनलाइन मीटिंग कर सरकार से मांगी राहत

धर्मशाला –हिमाचल में टूरिज्म इंडस्ट्री को कोरोना में उभारने को प्लान बनाने की मांग उठाई है। हिमाचल हास्पिटेलिटी एंड टूरिज्म एसोसिएशन ने ऑनलाइन मीटिंग कर प्लान बनाया है। इसके तहत उन्होंने सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी है, जिसमें यह भी बताया गया है कि बाहरी टूरिस्ट पर ही राज्य का पर्यटन कारोबार निर्भर करता है।  होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन मकलोगंज धर्मशाला के अध्यक्ष अश्वनी बांबा का कहना है कि हिमाचल के होटलों की 98 ऑक्यूपेंसी बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों पर आधारित है। हिमाचल के कुल पर्यटकों के आगमन का केवल दो प्रतिशत हिस्सा आफिशियल कारपोरेट तथा लोकल हिमाचलियों का रहता है। सरकार द्वारा होटलों को खोलने का लाभ केवल हिमाचल में स्थित इंडस्ट्रियल हब्स व आसपास में स्थित होटलों को ही मिलेगा। इन स्थानों पर पर्यटकों का आवागमन न के बराबर होता है। इन स्थानों पर होटलों की ऑक्यूपेंसी मुख्यता केवल कारपोरेट व बिजनेस ट्रेवलर्स पर ही आधारित रहती है। सरकार द्वारा जो होटलों को खोलने की शुरुआत की गई है, एक सराहनीय कदम है। इस कदम से कम से कम पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को एक आस की किरण जगी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने कहा कि 98 प्रतिशत पर्यटन कारोबार तभी शुरू हो पाएगा, जब दूसरे राज्यों के बार्डर खुल जाएंगे, जरूरी स्टाफ को ट्रेनिंग करवा दी जाएगी, रात के समय का कर्फ्यू हट जाएगा, वोल्वो बसें चलनी शुरू हो जाएंगी, डोमेस्टिक एयर फ्लाइट्स चल जाएंगी। अगर हम डोमेस्टिक व विदेशी पर्यटकों की बात करें, तो हिमाचल में एक वर्ष में आने वाले पर्यटकों की कुल संख्या का लगभग 95 प्रतिशत हिसा  डोमेस्टिक  टूरिज्म पर आधारित है। इसमंे बड़ी संख्या में पर्यटक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ तथा दिल्ली व राजस्थान से आते है। इसके अलावा गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र तथा साउथ से आने वाले पर्यटकों का भी बहुत योगदान रहता है। इसी के चलते सोमवार को ऑल हिमाचल हास्पिटेलिटी एंड टूरिज्म फेडरेशन की एक वेब मीटिंग आयोजित की गई। इसमें लगभग सभी एसोसिएशन के प्रेजिडेंटड एवं अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस मीटिंग में मुख्यतः होटलों को खोलने के बारे मे चर्चा की गई। सभी का एक ही मत रहा की हमें जो गाइड लाइंस केंद्र सरकार व एमएचए द्वारा जारी की जाएंगी, उसी के आधार पर अपने होटलो में इंतजाम करने होंगे। हिमाचल में पर्यटन को पटरी पर लाना मुश्किल है। वर्तमान हालात में जब तक की कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आती, तब तक पर्यटक भी घूमने में परहेज करेंगे। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि पर्यटन से जुड़ी एसोसिएशन से सुझाव लेकर एक प्लान तैयार किया जाए कि किस तरह से होटलों तथा अन्य टूरिज्म यूनिट्स को खोला जाए ।