ड्राइविंग स्कूलों को खोले सरकार
हिमाचल प्रदेश ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संघ ने सरकार से उठाया मसला,जल्द मांगा बड़ा एक्शन
पांवटा साहिब-हिमाचल प्रदेश ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संघ ने प्रदेश के बंद पड़े ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को खोलने की अनुमति देने की मांग की है। संघ द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजे गए एक ज्ञापन में कहा गया कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत संपूर्ण देश में लॉकडाउन के कारण प्रदेश में चल रहे लगभग 250 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल भी बंद करने पड़े हैं। पिछले लगभग दो माह से काम न होने के कारण संस्थानों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों से सैकड़ों परिवारों के हजारो सदस्यों की रोटी-रोजी से जुड़ी है, जिनको भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त ड्राइविंग सीखने वालों तथा भारी वाहनों के लाइसेंस बनवाने वालों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, संस्थान बंद रहने से दो महीने तक आमदनी तो नहीं हुई। जबकि, नियमित खर्चे, जैसे भवन के किराए, कर्मचारियों के वेतन, बैंक की किश्तें, वाहनों के बीमा तथा टैक्स आदि जमा होते जा रहे है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र मोहन रमौल तथा जिला सिरमौर इकाई के प्रधान अमर दत्त ने कहा कि पत्र में यह भी कहा गया कि ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में अन्य शिक्षण संस्थानों की भांति बहुसंख्या क्लासिज नहीं लगती व प्रशिक्षणार्थियों तथा स्टॉफ की भीड़ भी परिसर में नहीं होती। ड्राइविंग स्कूलों में केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम द्वारा निर्धारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अनुसार एक समय में केवल एक या दो व्यक्तियों को ही वाहन चलाने का सड़क पर प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसकी अवधि केवल 30 मिनट प्रतिदिन प्रति प्रशिक्षार्थी होती है। प्रशिक्षण कोर्स भी लघु अवधि के ही होते हैं। अतः ड्राइविंग स्कूलों में आपसी दूरी बनाए रखने में कोई परेशानी नही हो सकती व विभाग द्वारा टैक्सियों के लिए प्रस्तावित तीन जमा एक यानी चालक सहित तीन व्यक्ति के नियम का भी भरपूर पालन हो सकता है। ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को भी पुनः खोलने की अनुमति दी जाए ताकि लोग लाभान्वित हों व संस्थानों को आर्थिक बोझ से राहत मिले।
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