पराबैंगनी किरणों से होगा कोरोना का खात्मा, आसानी से कीटाणु मुक्त होंगे पर्स, बैग, चाबियां, पार्सल

By: Jun 2nd, 2020 12:04 am

आईआईटी मंडी ने बनाया यूवी-सी डिसइन्फेक्शन बॉक्स; आसानी से कीटाणु मुक्त होंगे पर्स, बैग, चाबियां, पार्सल

मंडी – कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अब बड़ी आसानी से पर्स, चाबी, चश्मे, बैग, कुरियर, पार्सल, मेटल, प्लास्टिक और कार्डबोर्ड की चीजों को अब डिसइन्फेक्ट किया जा सकेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के शोधकर्ताओं ने केवल 35000 की लागत से अल्ट्रावायलेट-सी (यूवी-सी) प्रकाश आधारित पोर्टेबल डिसइन्फेक्शन बॉक्स विकसित किया है। यह बाक्स ऐसी सभी वस्तुओं को असंक्रमित कर कोविड-19 फैलने का खतरा कम करेगा। यह वायरस ऐसी चीजों की सतहों पर तीन दिनों तक रह सकता है, लेकिन आईआईटी मंडी द्वारा बनाए गए अल्ट्रावायलेट-सी (यूवी-सी) प्रकाश आधारित पोर्टेबल डिसइन्फेक्शन बॉक्स से इस खतरे को कम किया जा सकेगा। बॉक्स की संरचना यूवी-सी ओपेक कवर फ्रेम से की गई है। इसमें लकड़ी से बना क्यूबॉइड कंटेनर है। इसमें दो-परत की एल्युमीनियम फ्वॉयल कोटिंग है, जो यूवी-सी लाइट को बाहर जाने से रोक देगा। इसमें निर्धारित रेटिंग के दस यूवी-सी लैंप का उपयोग कर किसी वस्तु की सतहों पर यूवी-सी प्रकाश डाला जाता है। लैंप में स्वचालित टाइमर कंट्रोल भी है, ताकि वस्तु के हिसाब से नियंत्रित मात्रा में यूवी-सी प्रकाश पड़े। आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. हिमांशु पाठक और डा. सनी जफर ने कोरोना संक्रमण रोकने में यूवी-सी लाइट की क्षमता को पहचाना। उन्होंने बताया कि  हम  यूवी-सी डिवाइस के लिए आईएसओ 15858: 2016 मानक के अनुसार ओजोन फ्री यूवी-सी लैंप (254 एनएम वेवलैंथ के साथ) का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए हमारे उपकरण के उपयोग में इनसान को कोई खतरा नहीं है। उन्होंेने बताया कि लैब में ‘एस्चेरिचिया कोलाई’ और ‘स्टैफी लोकोकस ऑरियस’ बैक्टीरिया के खिलाफ इस प्रोटोटाइप का परीक्षण किया गया है। प्रोटोटाइप से यूवी-सी प्रकाश पड़ने के 40 सेकेंड के अंदर दोनों किस्म की बैक्टीरिया को मारने में 99 प्रतिशत सक्षमता दिखी।

कैंपस में पैर से चलने वाला हैंड सेनेटाइजर डिस्पेंसर

आईआईटी मंडी के टेक्निकल असिस्टेंट (सिविल) नविश शर्मा ने तिलक राज और हंस राज की अपनी टीम के साथ मिलकर कम लागत पर पैरचलित हैंड सेनेटाइजर डिस्पेंसर विकसित किया है। इसमें सेनेटाइजर की बोतल की सतह जो संक्रमित हो सकती है, उसे हाथ नहीं लगाना होगा। इसमें फु ट पैडल दबाने पर बोतल से सेनेटाइजर निकलेगा। इस इन्नोवेशन की लागत 1400 रुपए से कम है। इसे आईआईटी मंडी परिसर के विभिन्न हिस्सों में लगाया जा रहा है।


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